झारखण्ड बोकारो शिक्षा

डीपीएस बोकारो के शिक्षक रोशन ने किया झारखंड का नाम रोशन

इंटरनेशनल आर्ट इवेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए मिलेगी तीन लाख रुपए की स्कॉलरशिप, दुनियाभर में मिली 14वीं रैंक

बोकारो (ख़बर आजतक) : दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो के एक और कला शिक्षक रोशन मिश्रा ने अपनी फनकारी का परचम लहराया है। विद्यालय के कला शिक्षक रोशन मिश्रा को विश्वस्तरीय कला स्पर्धा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तीन लाख रुपए की स्कॉलरशिप के लिए चयनित किया गया है। इसके साथ ही रोशन उक्त स्पर्धा में यह उपलब्धि अर्जित करने वाले झारखंड के एकमात्र कलाकार बन गए हैं।

भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के तहत संस्कृति मंत्रालय से सम्बद्ध स्किल डेवलपमेंट ड्राइंग लिटरेसी मिशन की ओर से आयोजित इंटरनेशनल ऑनलाइन आर्ट एग्जिबिशन अवार्ड इवेंट में श्री मिश्रा की पेंटिंग को दुनिया भर में 14वीं रैंक मिली। उन्होंने अपनी पेंटिंग में शून्य से ब्रह्मांड के अस्तित्व की महत्ता और मनुष्य के संघर्ष को चित्रित किया, जिसे ए ग्रेड में चयनित किया गया। इसके लिए उन्हें एक साल तक हर महीने 26,210 यानी कुल 3,14,520 रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी। इसके अलावा, 12980 रुपए की पारितोषिक राशि भी मिलेगी। रोशन को भारत सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से इस हेतु विशेष रूप से प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय इवेंट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम द्वारा आयोजित उक्त इवेंट का प्रशस्ति-पत्र एवं ईमेल संदेश प्राप्त होने पर शनिवार को विद्यालय में डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ ए एस गंगवार ने रोशन को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। साथ ही, उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए प्राचार्य ने इसे न केवल विद्यालय परिवार एवं बोकारो, बल्कि समस्त झारखंड के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि बताई।

बचपन से ही पेंटिंग में रुचि, माता-पिता खोने के बाद भी न खोया हौसला
34 वर्षीय रोशन ने एक खास बातचीत में बताया कि पेंटिंग में उनकी रुचि बाल्यकाल से ही रही है। अपने पिता स्व. गजाधर मिश्रा एवं माता स्व. शुक्ला मिश्रा ने उन्हें हर कदम पर हरसंभव सहयोग किया और उन्हीं की प्रेरणा से आज वह इस मुकाम पर पहुंच सके हैं। उन्होंने बताया कि माता-पिता के निधन के बाद उनके लिए संघर्षपूर्ण स्थिति जरूर बनी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपना हौसला न खोया। उन्होंने कहा कि कला किसी को भी सदैव जीवंत बनाए रखता है और इसी कारणवश उन्हें इस क्षेत्र में रुचि जगी। उन्होंने कहा कि रंगों के बिना यह दुनिया बेरंग है और रंगों से उनका लगाव ही इस क्षेत्र में उनके आने का कारण बना। उन्होंने वर्तमान में डीपीएस बोकारो परिवार के सहयोग एवं विशेषकर प्राचार्य डॉ. गंगवार के मार्गदर्शन को लेकर आभार व्यक्त किया।

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राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिखा चुके हैं प्रतिभा
बोकारो के सेक्टर-1 में रह रहे मूलतः टुंडी (धनबाद) के मूल निवासी श्री मिश्रा काठमांडू (नेपाल) व पेरिस सहित भारतवर्ष के कोने-कोने में विभिन्न जगहों पर आयोजित चित्रांकन प्रदर्शनियों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। उन्हें दो-दो बार अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। पेंटिंग के अलावा उन्हें साहित्य का भी शौक है। वह कविताएं लिखते हैं और जीवन-अस्तित्व पर शोध के लिए उन्हें दो वर्ष पूर्व ललितकला अकादमी, नई दिल्ली की तरफ से विशेष स्कॉलरशिप भी मिल चुकी है। रोशन जाने-माने चित्रकार राजा रवि वर्मा और एस एस राजा से खासे प्रेरित हैं। उनकी दिली ख्वाहिश बच्चों में चित्रकला का विकास कर भारत की कलात्मक समृद्धि को बनाए रखना है।

सिद्धू-कान्हू कला रत्न अवार्ड से भी नवाजे गए
डीपीएस बोकारो के कला शिक्षक रोशन मिश्रा को हाल ही में सिद्धू कान्हू कला रत्न अवार्ड 2024 से भी नवाजा गया है। रिवाइवल ऑफ ट्राईबल एंड फोक आर्ट फाउंडेशन, झारखंड की तरफ से उन्हें 31 मार्च से 28 अप्रैल तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन चित्रांकन प्रदर्शनी में शानदार प्रस्तुति के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। इसके अलावा हाल ही में श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में संस्कार भारती, उत्तर प्रदेश व राज्य ललित कला अकादमी (संस्कृति विभाग), उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रामोत्सव राष्ट्रीय चित्रकार शिविर में भी झारखंड से एकमात्र चयनित होने का अवसर मिल चुका है। गौरतलब है कि हाल ही में डीपीएस बोकारो के वरीय कला शिक्षक सुनील कुमार को भी एमएफ हुसैन अवार्ड मिला और तीन लाख रुपए से अधिक की स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है।

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