क्षमता-निर्माण कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति की अनुशंसाओं पर विचार-विमर्श
बोकारो : नई शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं को लेकर विचार-मंथन के लिए शनिवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो में झारखंड भर के लगभग 200 शीर्ष शिक्षाविदों का जुटान हुआ। अवसर था क्षमता निर्माण कार्यक्रम (कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम) का। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से डॉ. राधाकृष्णन सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स, बोकारो के तत्वावधान में यह विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर एनईपी की विभिन्न अनुशंसाओं के आलोक में भविष्य की शिक्षण-प्रणाली को लेकर शिक्षकों की तैयारी, इस दिशा में आनेवाली चुनौतियों तथा उनके समाधान के लिए आवश्यक रणनीतियों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने विद्यार्थियों में जिज्ञासा की भावना को प्रोत्साहित करने हेतु प्रश्न पूछने की आदत विकसित करने तथा बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों में भी सतत ज्ञानार्जन और ज्ञान के आदान-प्रदान की अनिवार्यता पर बल दिया। बदलते समय के साथ शिक्षा में बदलाव, कौशल-शिक्षा की आवश्यकता और इसकी महत्ता, विद्यालय की प्रासंगिकता आदि बिंदुओं को भी रेखांकित किया गया।
कार्यशाला के निर्धारित बिंदुओं के तहत सीखने की क्षमता का संरचनात्मक विश्लेषण (सफल), विद्यालय की गुणवत्ता के आकलन से संबंधित फ्रेमवर्क (एसक्यॉफ) तथा नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरआफ) के विभिन्न पहलुओं पर शिक्षकों ने आपस में अपने विचार साझा किए। इस क्रम में प्रतिभागी शिक्षकों के लिए अलग-अलग समूहों में प्रश्नोत्तरी तथा भांति-भांति की रोचक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। अंत में कार्यक्रम के सभी सहभागी वरिष्ठ शिक्षकों के बीच प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया।
इसके पूर्व, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत की बेला में हम ये गीत सुनाने आए हैं… के सुरीले गायन से अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. राधाकृष्णन सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स, बोकारो के अध्यक्ष एवं डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए उक्त कार्यशाला के उद्देश्यों तथा इसकी उपादेयता व रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने विकसित भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 21वीं सदी के अनुरूप शिक्षा-व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव के लिए एनईपी 2020 एक पथ-निर्धारक नीति है।
कार्यशाला में मुख्य रूप से सीबीएसई, नई दिल्ली के संयुक्त सचिव (कौशल शिक्षा) आर. पी. सिंह एवं संयुक्त सचिव (शैक्षणिक) अंजली छाबड़ा, सहोदया बोकारो के अध्यक्ष एवं डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार, सहोदया, रांची के अध्यक्ष एवं विकास विद्यालय, रांची के प्राचार्य पी. एस. कालरा, सहोदया, धनबाद की अध्यक्ष एवं डीपीएस धनबाद की प्राचार्या डॉ. सरिता सिन्हा, सहोदया, बोकारो के उपाध्यक्ष एवं जीजीपीएस बोकारो के प्राचार्य सोमेन चक्रवर्ती, सहोदया बोकारो के महासचिव एवं एआरएस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य विश्वजीत पात्रा, सहोदया बोकारो के जिला प्रशिक्षण समन्वयक एवं चिन्मय विद्यालय बोकारो के प्राचार्य सूरज शर्मा मंचस्थ थे। इनके अलावा, बोकारो व चास सहित रांची, धनबाद, गिरिडीह, जमशेदपुर, गोमिया, जैनामोड़, फुसरो, गोमो, बाघमारा, सिजुआ, चंद्रपुरा, ललपनिया, चिरकुंडा, सिजुआ, बरकाकाना, झरिया आदि स्थानों से आए लगभग 200 विद्यालयों के प्राचार्य, उपप्राचार्य व वरीय शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन डीपीएस बोकारो के वरिष्ठ शिक्षक नीरज कुमार व सुमन कुमारी तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहोदया बोकारो के महासचिव एवं एआरएस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य विश्वजीत पात्रा ने किया।