झारखण्ड बोकारो

डीपीएस बोकारो में तीन-दिवसीय फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता का समापन

समग्र विकास के लिए कलात्मक गुणों का विकास आवश्यक : प्राचार्य डॉ. गंगवार

बोकारो (ख़बर आजतक) : विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ उनमें कलात्मक व रचनात्मक गुणों के विकास को लेकर दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो में फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित की गई। विद्यालय के प्राइमरी विंग में आयोजित तीन-दिवसीय इस प्रतियोगिता का समापन गुरुवार को उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ। प्रतियोगिता में शामिल नन्हे छात्र-छात्राओं की मनोहारी वेशभूषा, उनकी सुंदर रूप-सज्जा, मासूम अदाकारी और तोतली जुबान में उनके संवाद-प्रेषण ने खूब लुभाया। तीन दिनों की अवधि में 400 से अधिक बच्चों ने अलग-अलग समूहों में विभिन्न श्रेणियों के तहत अपनी प्रस्तुतियां देकर सबकी भरपूर सराहना बटोरी।

अलग-अलग रूपों में सज-संवरकर अपनी प्रस्तुतियों के जरिए नन्हे विद्यार्थियों ने देश की समृद्ध संस्कृति, पर्यावरण और समस्त प्राणियों की रक्षा का सुंदर संदेश दिया। प्रतियोगिता के पहले दिन प्रथम कक्षा के कई विद्यार्थी शेर, हाथी, अजगर, उल्लू दरियाई घोड़ा, बाघ, पांडा, मछली सहित भांति-भांति के पशु-पक्षी, जलीय जीव व पेड़-पौधे का रूप धर आए और लुप्तप्राय प्राणियों की अस्तित्व-रक्षा तथा प्रकृति बचाने का संदेश दिया। कई बच्चे नेताजी सुभाषचंद्र बोस, झांसी की रानी, स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मदर टेरेसा, आइंस्टीन एवं विश्व की अन्य प्रसिद्ध हस्तियों के वेश में आए। इसके अलावा, जूट, पेपर क्राफ्ट, अखबार, बोरा आदि वस्तुओं से बने परिधानों में बच्चों की अप्रतिम साज-सज्जा, उनकी और उनके अभिभावकों की मेहनत बयां कर रही थी। इसके जरिए उन्होंने अनुपयोगी वस्तुओं को उपयोग के लायक बनाने की कला समझाई।

दूसरे दिन कक्षा प्रेप के कुछ प्रतिभागी झारखंडी, राजस्थानी, आदिम जनजाति, पंजाबी आदि वेशभूषा में सजकर आए, जिन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता का जीवंत चित्रण किया। कुछ बच्चे ऑक्टोपस, जेलीफिश, कछुआ, डॉल्फिन आदि का रूप धरकर आए और जलीय जीवों तथा सागर के संरक्षण की महत्ता को रेखांकित किया। वहीं, कई प्रतिभागी अपने पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर, जैसे- स्पाइडर मैन, छोटा भीम, बैट मैम, डोरेमोन, अलादीन आदि के वेश में आए, तो कई ने प्रकृति बचाने तथा प्रदूषण-नियंत्रण का भी संदेश दिया। वहीं, तीसरे दिन गुरुवार को नर्सरी कक्षा के विद्यार्थियों ने पायलट, पुलिसकर्मी, कूली, चिकित्सक, चालक, ग्वाला आदि सामुदायिक सहयोगियों के रूप में उनकी महत्ता व उनके सम्मान पर बल दिया। बच्चों ने कीट-पतंगों तथा फूल व पेड़ों के रूप में भी अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की। प्रतियोगिता में समूहवार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल बच्चों की प्रतिभा विकसित होती है, बल्कि वे अपने आसपास के वातावरण, समाज आदि से अवगत भी हो पाते है। उन्होंने कहा कि हरेक बच्चे में कुछ न कुछ प्रतिभा छिपी होती है, जिसे उभारकर निखारने की जरूरत है। ऐसे आयोजन बच्चों के समग्र विकास में सहायक हैं और डीपीएस बोकारो इस दिशा में सतत प्रयासरत है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतियोगिता में हार-जीत मायने नहीं रखती, प्रतिभागिता महत्वपूर्ण है।

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