नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक) : राँची विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में मंगलवार को प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में स्व. करमा उराँव की याद में शोक आयोजित की गई और दो मिनट का मौन रखा। 14 मई 2023 को झारखंड राँची विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् प्रो.डॉ. करमा उराँव का निधन हो गया था। इस शोक सभा में राँची विश्वविद्यालय के सभी विभागों के हेड, संकायाध्यक्ष, प्राध्यापक, वरीय पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हुये और सबों ने डॉ. करमा उराँव को याद कर उनके साथ के समय को बताया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस शोक सभा के बाद राँची विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के कार्य बंद कर दिए गए।
कुलसचिव आरयू डॉ. मुकुंद चंद्र मेहता ने डॉ. करमा उराँव की जीवनी और राँची विश्वविद्यालय में उनके योगदान की यात्रा के बारे में बताया। कुलसचिव ने बताया कि 1978 में राम लखन सिंह यादव कॉलेज से रांची विश्वविद्यालय में अध्यापन शुरु करने से लेकर 2017 में अपने सेवानिवृति तक उन्होंने राँची विश्वविद्यालय और झारखंड के लिये जो कार्य किये वह अप्रतीम है। वह राँची विश्वविद्यालय में उपाचार्य, विश्वविद्यालय प्राचार्य, मानवशास्त्र विभागाध्यक्ष, समाज विज्ञान विभाग के संकायाध्यक्ष , एकीकृत बिहार में बिहार लोकसेवा आयोग पटना के सदस्य जैसे पदों पर रहे। कुलसचिव ने कहा कि प्रो. डॉ. करमा उरांव अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षाविद् , चिंतक विचारक और नेतृत्वकर्ता थे। उनका इस तरह से चले जाना हमारे लिये बहुत ही दुखद है।
कुलपति प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि उनका जाना रांची विश्वविद्यालय ही नहीं झारखंड के लिये भी बहुत बड़ी क्षति है। खराब स्वास्थ्य के बाद भी वह काम के प्रति बहुत ज्यादा समर्पित रहते थे। उनमें बेहतरीन नेतृत्व क्षमता थी। उन्होंने 25 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में विदेशों में जाकर झारखंड और देश का प्रतिनिधित्व किया। झारखंड को पहचान दिलायी। एक ऐसे संवेदनशील शिक्षाविद् और आत्मिय व्यक्ति के जाने से हम सभी बहुत आहत हैं। हम सभी प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।
पूर्व विधानसभाध्यक्ष प्रो डॉ. दिनेश उराँव ने कहा कि मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मैने उनके अंदर ही पीएचडी किया और उनके साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके अंदर संयम और धीरज इतना था कि वह किसी भी विकट परिस्थिति से आसानी से पार पा जाते थे। उनका मार्गदर्शन हम सबों के लिये सदैव काम आता है।
डीएसडब्लयू आरयू डॉ. सुदेश कुमार साहू ने कहा कि प्रो.डॉ.करमा उराँव के साथ बहुत दिनों तक काम किया उनसे सीखा हुआ आज भी हम सबों के काम आता है। वह काम के प्रति इतने समर्पित थे कि कहते थे मैं काम करते हुये ही इस दुनिया से जाना चाहूँगा।
टीआरएल विभागाध्यक्ष डॉ. हरि उराँव ने कहा कि बिशुनपुर जैसे सुदूर गाँव के सरकारी स्कूल से पढ कर रांची विश्वविद्यालय में अध्यापन को आये थे। इसक कारण से वह जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया। एक ऐसे शिक्षाविद् , प्राध्यापक और चिंतक थे जो सदैव राँची विश्वविद्यालय के हित के लिए प्रयत्नशील रहते थे।
डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रो.डॉ. करमा उराँव इतने सहज व्यक्तित्व के थे कि नि:संकोच अपनी बातें रखते थे और सुनते थे। किसी भी तरह के भेद भाव से दूर रहने वाले ऐसे व्यक्ति का हम सब के बीच से चले जाना बहुत बड़ी क्षति है।
इस शोक सभा में कुलपति प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, प्रतिकुलपति डॉ. अरुण कुमार सिन्हा, कुलसचिव डॉ. मुकुंद चंद्र मेहता, एफए डॉ. देवाशीष गोस्वामी, सीसीडीसी डॉ. पी.के.झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष कुमार झा, एफ.ओ. डॉ. कुमार आदित्यनाथ शाहदेव, डीएसडब्ल्यू डॉ. सुदेश साहू, डिप्टी डायरेक्टर वोकेशनल डॉ. स्मृति सिंह व राँची विश्वविद्यालय के सभी विभगों के हेड, डीन, प्राध्यापक आदि उपस्थित थे।