झारखण्ड राँची राजनीति

डोमिसाइल आंदोलन के अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि, अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक संघर्ष का संकल्प

राँची। डोमिसाइल आंदोलन के अमर शहीदों—कैलाश कुजूर, विनय तिग्गा और संतोष कुंकल की 23वीं पुण्यतिथि पर मेकॉन कॉलोनी, डोरंडा स्थित त्रिमूर्ति चौक में माल्यार्पण और संकल्प सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए और झारखंड के आदिवासी-मूलवासी समाज के अधिकारों एवं 1932 के खतियान आधारित डोमिसाइल नीति को लागू करने के लिए अटल संकल्प लिया गया।

सभा को संबोधित करते हुए विजय शंकर नायक (केंद्रीय अध्यक्ष, झारखंडी सूचना अधिकार मंच एवं उपाध्यक्ष, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच) और राजू महतो (केंद्रीय अध्यक्ष, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच) ने कहा,

“शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम झारखंड के आदिवासी-मूलवासी समाज के हक, अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए हर कीमत पर लड़ेंगे और डोमिसाइल आंदोलन के शहीदों के अधूरे सपनों को साकार करेंगे।”

नायक और महतो ने 24 जुलाई 2002 की घटना को याद करते हुए कहा कि

“उस दिन तीन नौजवानों ने झारखंडी समाज की अस्मिता और अधिकारों के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। यह बलिदान झारखंडी चेतना का अमिट प्रतीक है।”

सभा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला बोला गया। वक्ताओं ने उन्हें आदिवासी-मूलवासी समाज का “सबसे बड़ा गद्दार” करार देते हुए आरोप लगाया कि

“हेमंत सोरेन ने डोमिसाइल आंदोलन को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया और सत्ता में आने के बाद भी न तो 1932 के खतियान आधारित नीति को लागू किया, न ही शहीदों को न्याय दिलाया। 2022 में विधानसभा से पारित डोमिसाइल बिल को राज्यपाल ने लौटा दिया, परंतु सरकार ने दोबारा कोई प्रयास नहीं किया। यह शर्मनाक और अक्षम्य अपराध है।”

राजू महतो ने चुनौती देते हुए कहा,

“हेमंत सोरेन बताएं कि उनके कार्यकाल में स्थानीय नीति को लेकर क्या ठोस कदम उठाए गए? उनकी चुप्पी और निष्क्रियता ने साबित कर दिया कि वे समाज के सच्चे हितैषी नहीं, बल्कि सिर्फ सत्ता के भूखे हैं।”

विजय नायक ने शहीदों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा, मेकॉन में शहीदों के नाम पर पार्क निर्माण, आश्रित परिवारों को सम्मान एवं सरकारी मदद और शहीदों को आधिकारिक दर्जा देने की मांग की।

सर्जन हँसदा ने कहा,

“यह आयोजन सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प है। हम सोरेन जैसे धोखेबाज नेताओं को बेनकाब करेंगे।”

झारखंडी सूचना अधिकार मंच और आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच ने स्पष्ट किया कि

“शहीदों के बलिदान और मूलवासी अधिकारों के सवाल पर कोई समझौता नहीं होगा।”

माल्यार्पण करने वालों में अजित उरांव, रंजीत उरांव, कर्मा लिंडा, इकबाल हसन, गोपाल महतो, राजेश वर्मा, विनीता खलखो, एरिन कच्छप, परवीन सहाय, बिल्कुल डांग, दीपक पासवान, अशोक राम, मंटू राम, अजय नाग समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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