रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर मिलिंद राज मंगलवार को एसबीयू आए थे। पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम आज़ाद ने मिलिंद राज को यह नाम दिया था। फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंसेज द्वारा इनोकेशन काउंसिल के सहयोग से ‘ड्रोन तकनीक और रोबोटिक्स’ पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मिलिंद राज ने ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल पर दो सत्रों में अपनी इनडोर और आउटडोर प्रस्तुति दी। इस क्रम में उन्होंने एआई रोबोटिक क्लब का शुभारंभ भी किया।
वहीं अपने संबोधन में उन्होंने भविष्य में माइक्रो ड्रोन और पानी में तैरने वाले ड्रोन की आवश्यकता की बात भी बताई। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि आगामी समय में एसबीयू भारत का ऐसा पहला विवि बनेगा, जहाँ परिसर के अंदर ही ड्रोन तकनीक के माध्यम से विभिन्न कार्यों का निष्पादन संभव हो पाएगा।
इस कार्यशाला में बोलते हुए एसबीयू के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने एआई पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने इस तकनीक के बेजा इस्तेमाल के प्रति भी सतर्क किया। उन्होंने विद्यार्थियों को इजरायल के ड्रोन आविष्कार के अलावा दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिक पिता-पुत्र द्वारा नवीनतम ड्रोन के आविष्कार के विषय में भी जानकारी दी, जो 480 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ पाने में सक्षम है।
वहीं अपने संबोधन के दौरान विवि के प्रभारी कुलपति प्रो. एस. बी. डांडीन ने एआई टूल्स पर कई तरह के कार्यों को करने की जानकारी देते हुए इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने ड्रोन के इस्तेमाल के मामले में देश को विश्व पटल पर अग्रणी बनाने का भी सुझाव दिया।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. वी. के. सिंह ने भविष्य में रोबोट के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की बात कही और इसकी उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी दी।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीएनएल दुर्गा और समापन डॉ. मनोज पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर डॉ. पंकज गोस्वामी, डॉ. संदीप, डॉ. विश्वरूप सामंता, डॉ. संजीव सिन्हा, डॉ. दुर्गेश, डॉ. दीपक आदि उपस्थित थे।
एसबीयू के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने इस कार्यशाला के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ दी।