झारखण्ड बोकारो शिक्षा

‘तरंग’ के दूसरे दिन डीपीएस बोकारो में उतरी विभिन्न राज्यों की पारंपरिक व सांस्कृतिक छटा

अंतर सदन समूह-नृत्य प्रतियोगिता में जमुना व रावी को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान

बोकारो (ख़बर आजतक) : दिल्ली पब्लिक पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो की सीनियर इकाई में चल रहे चार-दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव तरंग के दूसरे दिन बुधवार को छात्र-छात्राओं ने अपने अद्भुत नृत्य कौशल का परिचय दिया। अंतर सदन समूह-नृत्य प्रतियोगिता में सभी छह सदनों के विद्यार्थियों ने विभिन्न राज्यों के लोकनृत्यों की मनोरम प्रस्तुति की। इसके जरिए उन्होंने भारत की सांस्कृतिक, पारंपरिक व कलात्मक विविधता की बहुरंगी छटा बिखेरी।

संबंधित राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में सजे प्रतिभागियों ने अपनी आकर्षक नृत्य-प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया और विद्यालय का अश्वघोष कला क्षेत्र तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। नृत्य प्रस्तुतियों की शुरुआत चेनाब हाउस के प्रतिभागियों ने कर्नाटक के पारंपरिक लोकनृत्य यक्षगान से की, जिसमें उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद जमुना सदन की टीम ने तमिलनाडु व केरल के प्राचीन लोकनृत्य कोलट्टम में वहां की धार्मिक व पारंपरिक संस्कृति के साथ भगवान बालाजी का प्रकटीकरण दर्शाया। इसी प्रकार, झेलम सदन के विद्यार्थियों ने ओडिशा के लोकनृत्य रोज्जो के माध्यम से वहां की आंचलिकता व कृषि-कार्य को प्रदर्शित किया। गंगा हाउस ने महाराष्ट्र के लावणी नृत्य की ऊर्जावान प्रस्तुति दी, तो रावी हाउस की टीम ने केरल के प्राचीन मार्शल आर्ट पर आधारित लोकनृत्य कलरीपयट्टू के जरिए शौर्य को रेखांकित किया। अंत में सतलज की टीम ने पंजाब का प्रसिद्ध लोकनृत्य भांगड़ा प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने पंजाबी माटी की खुशबू बिखेरी। सभी प्रतिभागियों की नृत्य-मुद्राएं, भाव-भंगिमा व उनका अभिनय कौशल सराहनीय रहा।

प्रतियोगिता में सभी पहलुओं को देखते हुए बेहतर प्रदर्शन के आधार पर जमुना एवं रावी हाउस को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान मिला। गंगा एवं चेनाब हाउस संयुक्त रूप से दूसरे तथा झेलम और सतलज सदन की टीमें साझा तौर पर तृतीय स्थान पर रहीं। निर्णायक मंडली में जीजीपीएस, सेक्टर-5 की नृत्य शिक्षिका अंकिता चक्रवर्ती, क्रिसेंट पब्लिक स्कूल की संघमित्रा चक्रवर्ती एवं डीपीएस बोकारो के शिक्षक अमित दासगुप्ता शामिल थे। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने सभी प्रतिभागी टीमों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए इसे भारत की विविधता में एकता को परिलक्षित करने वाला का प्रदर्शन बताया। उन्होंने कहा कि नृत्य में लोगों को भावनाओं का संचार करने, कहानियां कहने तथा एक-दूसरे से जोड़ने की शक्ति होती है। निर्णायक मंडली की अंकिता चक्रवर्ती ने लोकनृत्य सीखने पर बल दिया। प्राचार्य ने निर्णायकों को स्मृति-चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।

इसके पूर्व, प्राचार्य एवं निर्णायक मंडली के सदस्यों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। आरंभ में स्वागत भाषण स्कूल की हेड गर्ल अनन्या राज तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन वाइस हेड गर्ल मानसी पांडेय ने किया। जबकि, मंच संचालन छात्रा नायशा सिंह नागी, मृदुल अमन एवं अदित्रि ने किया।

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