नितीश_मिश्र
राँची (खबर आजतक): झारखंड आंदोलन के प्रणेता और दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन से राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। राँची के मोराबादी स्थित आवास पर उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान सबसे भावुक क्षण तब देखने को मिला जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जो गुरूजी के पुराने संघर्षसाथी रहे हैं, पार्थिव शरीर से लिपटकर फूट-फूट कर रो पड़े। यह दृश्य गुरु-शिष्य और सहयात्री के गहरे रिश्ते की मार्मिक अभिव्यक्ति था। चंपई सोरेन का यह भावनात्मक क्षण पूरे राज्य में फैले शोक को मूर्त रूप देता है। शिबू सोरेन का निधन केवल एक नेता का जाना नहीं, बल्कि एक युग का अंत है।
