डिजिटल डेस्क
कसमार (ख़बर आजतक) : कसमार प्रखंड के सुरजुडीह निवासी चर्चित शिक्षाविद एवं वेद शास्त्रों के ज्ञाता पंडित सत्यरंजन मुखर्जी (85 वर्षीय) का निधन रविवार को हो गया। उनके निधन की खबर मिलते कसमार समेत आसपास के दर्जनों गांव के लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए सुरजुडीह पहुंचे। उनका अंतिम संस्कार काशी बनारस के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। सत्यरंजन मुखर्जी 2002 में सरकारी शिक्षक से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके अलावा वे कसमार चौबे परिवार के प्रसिद्ध प्राचीन दुर्गा मंदिर में पुरोहित के रूप में धार्मिक अनुष्ठान भी करवाते थे। सनातन धर्म से जुड़े वेद शास्त्रों के ज्ञाता के रूप में चर्चित सत्यरंजन मुखर्जी अपने तीन पुत्र, एक पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। आठ माह पहले ही उनकी धर्मपत्नी का भी निधन हुआ था। उनके बड़े पुत्र ओमियो कांत मुखर्जी डीवीसी से सेवानिवृत्त होकर वर्तमान समय में सुरजुडीह में ही अपने पैतृक गांव में रहते हैं। मंझले पुत्र तुषार कांत मुखर्जी कोलकाता में ईपीएफओ में क्षेत्रीय आयुक्त के तौर पर सेवा दे रहे हैं। छोटे पुत्र डॉ पीयूष कांत मुखर्जी पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से सटे करस्यांग में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। सत्य रंजन मुखर्जी के निधन पर स्थानीय जिप सदस्य अमरदीप महाराज, शिक्षविद भालचंद पांडेय, मुरारी कृष्ण चौबे, दुर्गा प्रसाद प्रजापति, पूर्व प्रमुख विजय किशोर गौतम, अखिल कुमार चौबे, गणेश मुखर्जी, कृष्ण रंजन मुखर्जी, कृष्ण मोहन चौबे, अविनाश चौबे, रतन चौबे, राजेश चौबे, खगेन्द्र नाथ मुखर्जी, मदन मोहन मुखर्जी समेत अन्य दर्जनों लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।