नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): आदिवासियों के सामाजिक धार्मिक एवं रैयती जमीन की लूट के खिलाफ सीबीआई जाँच की मांग को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया गया तथा मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया।
इस ज्ञापन में निम्नलिखित बातें कही गई:-
1, आदिवासी खतियान को इस्तीफा दिखाकर गैर आदिवासी जमीन बनाने से रोकना।
2 सादा पट्टा से आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगाना।
3, सामाजिक धार्मिक जमीन जैसे पहनाई, मुंडारी, पुजार, महतोई, कोटवारी, डाली कटारी, भंडारी,जतरा स्थल सरना, मसना, देशावली को सरकार चिन्हित कर उसकी रक्षा करने की माँग।
4, हजारों एकड़ भूईहरी जमीन को कायमी जमीन बनाकर खरीद बिक्री पर रोक लगाना ।
5, 5000 से अधिक लंबित दखल देहानी को जमीन मालिक को यथाशीघ्र दखल दिलाया जाए।
6, NIC द्वारा ऑनलाइन में गड़बड़ी को रोका जाए।
7, अंचल द्वारा खतियानी जमीन को ऑनलाइन नहीं करने के खिलाफ आंदोलन करना।
8, आदिवासी लोहरा के खतियानी लोहार जमीन को जनरल जमीन बता कर खरीद बिक्री पर रोक लगाना।
9, रिकॉर्ड रुम से बहुत से मौजा का खतियान फाड़ दिया गया है इसकी सीबीआई से जांच की माँग।
10, गैर मजरूवा जमीन को फर्जी कागज बनाकर बेचने पर रोक लगाना।
11, SAR कोर्ट को सशक्त बनाया जाए।
12, रिकॉर्ड रूम से बहुत से मौजा का खतियान फाड़ दिया गया है, इसकी सीबीआई से जाँच की माँग।
13, SAR कोर्ट को सशक्त बनाया जाए।
14, SAR कोर्ट द्वारा आदिवासी जमीन का गलत कंपनसेशन का सीबीआई जांच कराई जाए।
15 गैर आदिवासी द्वारा आदिवासी महिला को दूसरी, तीसरी पत्नी बनाकर उसके नाम से जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगाया जाए।
16, CNT एक्ट को सख्ती से लागू किया जाए एवं धरातल पर उतरा जाए।
17 आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री में थाना क्षेत्र की बाध्यता को खत्म करने की माँग।
18, जमीन लूट के हजारों आवेदन मुख्यमंत्री, उपायुक्त एवं अंचल अधिकारी को दिया गया है उन आवेदनों पर यथाशीघ्र कार्रवाई किया जाए।
19, काँके CO जयकुमार राम को नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
20, विधानसभा के द्वारा जमीन लूट की जांच के लिए तीन-तीन कमेटी बनाई गई लेकिन तीनों कमेटी का एक दिन भी बैठक नहीं हुई और ना ही कार्रवाई की गई इस पर यथाशीघ्र कार्रवाई किया जाए।
21, छल प्रपंच से आदिवासियों की हड़पी गए जमीन को वास्तविक रूप से वापस दिलाने के लिए छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 की धारा 71 (क) संशोधन कर 30 वर्ष की काल अवधि अधिनियम 1963 आदिवासी से गैर आदिवासी के बीच लागू नहीं है। आदिवासी विरोधी सरकारी पदाधिकारी भूमाफियाओं से मिलकर 30 वर्ष की काल अवधि लगाकर आदिवासी जमीन को हड़पने का काम कर रहे हैं इसको यथाशीघ्र रोक लगाया जाए।
22 गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी जमीन पर अवैध भवन निर्माण में अवैध रूप से बिजली कनेक्शन एवं पानी का कनेक्शन विभाग द्वारा दिया जा रहा है इसे यथाशीघ्र रोका जाए साथ ही आदिवासी जमीन पर गैर आदिवासियों द्वारा अवैध भवन निर्माण को नगर निगम द्वारा यथाशीघ्र हटाया जाए।
इस दौरान आदिवासी महासभा के संयोजक देव कुमार धान, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, आदिवासी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष बलकु उराँव, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के महानगर अध्यक्ष चंपा कुजूर, तानसेन गाड़ी आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष सुशील उराँव, आदिवासी लोहरा समाज के कार्यकारिणी अध्यक्ष अभय भूटकुँवर, संजय तिर्की, बुधवा उराँव, प्रदीप लकड़ा, हाँदु भगत, सोमा मुंडा, निर्मल पहान, प्रदीप एक्का थे।