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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, 92 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस

डिजिटल डेस्क

नई दिल्ली (ख़बर आजतक) : देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में आखिरी सांस ली। राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली लौट रहे हैं। दोनों नेता कर्नाटक के बेलगावी में थे। कल बेलगावी में कांग्रेस की होने वाली विशाल रैली भी रद्द हो गई है। थोड़ी देर में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी एम्स पहुंच सकती हैं।

मनमोहन सिंह 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 1991-96 के दौरान पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के रूप में भी काम किया है, जब देश में व्यापक आर्थिक सुधार हुए थे। मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में एक ऐसे क्षेत्र में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। उन्हें नरसिंह राव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान LPG (उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण) सुधारों के प्रमुख के रूप में श्रेय दिया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम के निधन पर पोस्ट किया, ‘भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है. साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने. उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे. हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए.’
मोदी ने आगे लिखा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह जी और मैं उस समय नियमित रूप से बातचीत करते थे जब वे प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श करते थे. उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.’

मनमोहन सिंह का जीवन परिचय

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में) के एक गांव में हुआ था. चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स करने के बाद मनमोहन ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट हासिल की. प्रधानमंत्री बनने से पहले भी सरकारी कामकाज का उन्हें लंबा अनुभव रहा. वह इंदिरा गांधी सरकार में विदेश व्यापार के सलाहकार रहे. 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्‍य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया.
1976 से 1980 के बीच, सिंह देश में कई अहम पदों पर रहे जिनमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर का पद, औद्योगिक विकास बैंक के निदेशक, मनीला में एशियाई विकास बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर, तथा पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (आईबीआरडी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर शामिल हैं. उन्होंने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग तथा अंतरिक्ष आयोग दोनों में सदस्य (वित्त) के रूप में प्रमुख पदों पर भी कार्य किया.

1991 में जब भारत गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने कई सुधार लागू किए. उदारीकरण के चलते भारत की अर्थव्यवस्था ने कुलांचे भरीं तो उसका श्रेय मनमोहन को ही मिला. 2004 में जब कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सत्ता में आया तो उसकी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने अचानक मनमोहन को प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा करके सबको चौंका दिया गया था.

सिंह ने अगले 10 साल सरकार चलाई. मनरेगा, आधार, सूचना का अधिकार, ग्रामीण स्वास्थ्‍य मिशन जैसी परियोजनाएं मनमोहन काल में ही शुरू हुईं. 2014 में मनमोहन ने खुद को पीएम की रेस से अलग कर लिया. वह कभी लोकसभा के सदस्य नहीं रहे लेकिन 1991 से 2019 तक असम से और 2019 से 2024 तक राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य रहे.

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