झारखण्ड राँची राजनीति

धर्म/अधात्म: सरहूल पूजा को धूमधाम से मनाने को लेकर केंद्रीय सरना समिति का बैठक संपन्न

बिहार की तर्ज पर सरहुल पूजा को राजकीय पर्व घोषित करें : फूलचंद तिर्की

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): केन्द्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय में शनिवार को सरहुल पूजा महोत्सव 2024 को धूमधाम से मनाने को लेकर बैठक आयोजित कि गई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने किया। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस साल निम्नलिखित तिथि को सरहुल पूजा महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया:-

10 अप्रैल को उपवास एवं केकड़ा मच्छली पकड़ना।

11अप्रैल को उपवास, केकड़ा मच्छली पकड़ना एवं सरना में घड़ा में पानी रखा जाएगा साथ ही दोपहर 1:00 बजे से शोभायात्रा।

12 अप्रैल को फुलखोंसी कार्यक्रम होगा।

इस बैठक में सरहुल पर्व प्रकृति पूजक आदिवासीयों का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार चैत्र के महीने में होता है, आदिवासी सरहुल त्यौहार को बड़े ही हर्षों उल्लास के साथ मनाते हैं। सरहुल महीने से ही आदिवासियों का नया साल की शुरुआत की जाती है। सरहुल पूजा से पहले नए फल, फूल, सब्जी आदि का प्रयोग नहीं करते हैं।

केंद्रीय सरना समिति केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरहुल पूजा महोत्सव को बिहार की तर्ज पर राजकीय पर्व घोषित करें एवं तीन दिनों की राजकीय अवकाश घोषित करें।

इस मौके पर केंद्रीय सरना समिति के पूर्व अध्यक्ष अजय लिंडा, महासचिव संजय तिर्की, उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, पंचम तिर्की, विमल कच्छप, हिंदपीढ़ी सरना समिति के राजू उराँव, सरना मसना विकास समिति करमटोली के महासचिव बुधराम उराँव, टोनको सरना समिति से विनोद कच्छप, अजित लकड़ा, सत्यनारायण लकड़ा, बाना मुण्डा, जयराम किस्पोट्टा शामिल थे।

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