राँची विश्वविद्यालय के विकास में सभी का सहयोग: कुलपति

नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): आरयू के आर्यभट्ट सभागार में बुधवार को भव्य 64वें स्थापना दिवस समारोह का गवाह बना। इस सभागार में पीएफए के छात्रों द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति और कुलपति, रजिस्ट्रार तथा अन्य वरीय पदाधिकारियों के द्वीप प्रज्जवन से समारोह का शुभारंभ हुआ। सबसे पहले डीएसडब्ल्यू डॉ. सुदेश साहू ने स्वागत भाषण देते हुए कुलपति सहित सबों का अभिनंदन किया और राँची विश्वविद्यालय के 64वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन लंबे माँग के बाद 1960 में 12 जुलाई को आरयू की स्थापना हुई थी और डॉ. वी.एन. सिंह पहले कुलपति बने थे। तब से आज तक राँची विश्वविद्यालय ने कई बदलावों को देखा है और वर्तमान कुलपति प्रो.डॉ. अजीत कुमार सिन्हा के नेतृत्व में राँची विश्वविद्यालय तेजी से विकास की ओर अग्रसर है।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ.एमसी मेहता तथा डीएसडब्ल्यू डॉ. सुभाष साहू ने कुलपति को अंगवस्त्र प्रदानकर सम्मानित किया। एनवायरनमेंट साईंस विभाग के छात्र निखिन ने कुलपति को कल्पतरु को पौधा भेंट किया जिसे बसिक साईंस कैंपस के बगीचे में कुलपति, रजिस्ट्रार व अन्य ने मिलकर लगाया। इस अवसर पर पीएफए विभाग की छात्रा प्रिया ने कत्थक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।
इस दौरान अपने संबोधन में समारोह में कुलपति ने सबों को स्थापना दिवस की बधाई दी और कहा कि 1960 में जो कल्पतरु लगाया गया था वह आज फलीभूत हो रहा है। वैसे ही हमारे आज के किए गए प्रयास कल्पतरु के पौधे को लगाने के समान है जो भविष्य में युवाओं छात्रों के काम आयेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व होता है कि मैं स्वयं राँची विश्वविद्यालय का ही छात्र रहा हूँ। इस समारोह में कुलपति के साथ सभी विश्वविद्यालय पदाधिकरियों, डीन, हेड ने वार्षिक रिपोर्ट पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस दौरान वोकेशनल की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. स्मृति सिंह ने बताया कि इस पुस्तिका के प्रकाशन में इतिहास विभाग के कंजीव लोचन का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा है। कुलपति डॉ (प्रो. अजीत कुमार सिन्हा ने इस अवसर पर पिछले एक वर्ष के रिपोर्ट कार्ड को स्लाइड शो के साथ प्रस्तुत करते हुये विस्तृत जानकारियाँ दीं। साथ ही भविष्य के योजनाओं के बारे में भी बताया जिनमें निम्नलिखित प्रमुख बातें कहीं।
आरयू खिलाड़ी छात्र छात्राओं को कुलपति ने सम्मानित किया। उन्होंने हॉकी, वूशु, फुटबॉल, वूडबॉल जैसे खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को मंच पर बुलाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि वह राँची विश्वविद्यालय में खेल तथा फिजिकल गतिविधियों को लेकर बहुत ही प्रयत्नशील है। अब तक कइ कोच की नियुक्ति की जा चूकी है और फिजिकल ट्रेनर की नियुक्ति भी जारी है।
लोहरदगा कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बन कर तैयार है जिसमें शूटिंग तथा तीरंदाजी के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाये हैं। जल्द ही चारदिवारी के निर्माण के बाद यह राँची विश्वविद्यालय का मिल जाएगा। कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने विश्वविद्यालय के सेवानिवृत शिक्षकों और कर्मियों के किसी भी तरह के पेंशन या भुगतान संबंधी मामले को तेजी से निराकरण कर रहे हैं। आज ही 100 लोगों को पेंशन राशि भेजी रही है।
सीसीएल के सहयोग से दो पिंक बस, एक एंबुलेंस तथा दा ई रिक्शा की सुविधा आरयू के मोराबादी में सदैव उपलब्ध रहेगी। पिंक बस छात्राओं के आवागमन के लिये वहीं ई रिक्शा छात्रों के अभिभावकों की सुविधा के लिये चलायी जा रही है। एंबुलेंस की सेवा मारहाबादी परिसर में सदैव उपलब्ध रहेगी ताकि किसी भी आकस्मिक जरुरत में आरयू और डीएसपीएमयू दोनों के काम आए। पिछले एक वर्ष में आरयू के परीक्षा को पूरी तरह से ऑटोमेटेड कर दिया गया है। अब सब कुछ ऑनलाइन है, छात्रों को ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ती।
विभिन्न कॉलेजों और मोरहाबादी में सीएससी सेंटर खोले गये हैं, छात्रों को किसी भी ऑनलाइन कार्य के लिये अब भटकना नहीं पड़ता है।
विश्वविद्यालय में फाइल ट्रैकिंग सिस्टम लागू कर दिया गया इससे फाइलों को खोजने और निबटारे में समय बहुत कम लगता है।
हमारे कर्मचारियों ने वादा किया है कि हम प्रतिदिन पाँच फाइल को निबटायेंगे। इससे सभी लंबित मामलों को अगले एक दो महिनों में खत्म कर सकेंगे।
अगले पांच छह महिनों में पीजी आर्ट्स ब्लॉक के सभी पुराने भवनों का रेनोवेशन पूरा हो जाएगा और इन भवनों को पूरी तरह से सुंदर और सुविधायुक्त बना दिया जायेगा। इनमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
हर शनिवार को कुलपति की टीम आरयू के किसी एक कॉलेज के सारी समस्याओ को स्वयं जाकर देखेगी और त्वरित उसका समाधान किया जायेगा। इसमें प्रशासननिक वित्तीय, शैक्षणिक, भवन और अन्य सभी सुविधायें शामिल होंगी। इस क्रम में जेएन कॉलेज में बहुत सारे कार्य कर किए गए है।
टीआरएल विभाग पर विशेष ध्यान देकर सभी भाषाओं के संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है।
पुराने पाठ्यक्रमों में सुधार तथा नये रोजगारपरक कोर्सेस की आवश्यकता है, हम उस दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में लीगल स्टडीज में त्रिवर्षीय कोर्स एवं साइबर सिक्यूरिटी, जापानी लैंग्वेज का कोर्स प्रारंभ किया गया है।
स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन ने मुंबई युनिवर्सिटी के साथ एमोयू करके सराहनीय कार्य किया है। इसके तहत वहां के छात्र आरयू में आए थे और अब आरयू के छात्र मुंबई युनिवर्सिटी जाएँगे।
इस दौरान पूर्व प्राध्यापक डॉ. हरिओम पाण्डेय ने भी राँची विश्वविद्यालय से जुड़ी अपनी बहुत सारी यादों को सुनाया और सबों को 64वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दी। साथ ही कुलपति के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। पीएफए के छात्रों ने मैं हूँ राँची विश्वविद्यालय नृत्य नाटिका की सुंदर प्रस्तुति दी, इसके बाद कलाकार मनीष ने अपनी टीम के साथ गजल की प्रस्तुति दी। जिसे सभागार में सबों ने खूब सराहा।
इस कार्यक्रम का संचालन वोकेशनल की डिप्टी डायरेक्ट तथा ओएसडी कुलपति डॉ. समृति सिंह ने किया। उन्होंने राँची विश्वविद्यालय के नयी गतिविधियों के बारे में सबों को अवगत कराया। इस दौरान धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. मुकुंद चंद्र मेहता ने किया। उन्होंने सभी छात्रों, प्राध्यापकों, पीएफए डिपार्टमेंट के छात्रों कलाकारों, आयोजन में सहयोगी रहे लोगों को धन्यवाद कहा और स्थापना दिवस की बधाई देते हुये कुलपति आरयू डॉ. सिन्हा के नेतृत्व में रांची विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया।
इस अवसर पर इस अवसर पर कुलपति प्रो. (डॉ.) अजीत कुमार सिन्हा, रजिस्ट्रार डॉ. मुकुंद चंद्र मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष कुमार झा, एफओ डॉ. कुमार आदित्य नाथ शाहदेव, एफए डॉ. देवाशीष गोस्वामी, सीसीडीसी डॉ. पी.के.झा, डीएसडब्ल्यू डॉ. सुदेश साहू, डिप्टी डायरेक्टर वोकेशनल डॉ. स्मृति सिंह, डॉ. बी.आर.झा, एनइपी कोर्डिनेटर डॉ.आर.के. शर्मा, डॉ.कुनुल कुंदीर, डॉ. जी.एस.झा आदि उपस्थित थे।