
नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): नगड़ी में रिम्स-2 के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में रविवार को हजारों किसानों ने ऐतिहासिक आंदोलन किया। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के नजरबंद रहने के बावजूद किसान खेतों में उतरे और हल चलाकर रोपनी की।
प्रशासन ने रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था, चेकपोस्ट और बैरिकेडिंग की थी। आंदोलनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन किसान पीछे नहीं हटे।

शाम को चम्पाई सोरेन ने प्रेसवार्ता कर सरकार को आदिवासी विरोधी बताया और कहा कि रैयतों की एक इंच जमीन भी जबरन नहीं लेने दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी— “जब कभी भी आदिवासियों की जमीन छीनने का प्रयास होगा, हर जगह चम्पाई सोरेन खड़ा मिलेगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने 1957 में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के लिए हुए अधिग्रहण विवाद का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि जब भूमि अधिग्रहण पूर्ण ही नहीं हुआ, तो सरकार सीएनटी व भूमि अधिग्रहण अधिनियम का उल्लंघन क्यों कर रही है। आंदोलन की सफलता के लिए उन्होंने किसानों और सभी आदिवासी संगठनों का आभार व्यक्त किया।