नितीश मिश्र, राँची
राँची (ख़बर आजतक) : झारखंड में नगर निकाय चुनाव में हो रही देरी और झारखंड हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी को लेकर आजसू प्रमुख एवं पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि झामुमो–काँग्रेस की सरकार जानबूझकर पिछड़ों को आरक्षण नहीं देना चाहती और लोकतांत्रिक संस्थाओं को अफसरों के भरोसे चलाना चाहती है।

सुदेश महतो ने कहा कि यदि राज्य सरकार गंभीर होती, तो काफी पहले ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी कर चुनाव करा देती। लेकिन सरकार ने इसे बार-बार टालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जब आजसू पार्टी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर सरकार ट्रिपल टेस्ट की दिशा में मजबूरी में कदम उठाने को तैयार हुई।
पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर ओबीसी आयोग के अध्यक्ष का पद एक साल से खाली रखा और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति भी चार महीनों से नहीं की गई, ताकि चुनाव प्रक्रिया में बाधा बनी रहे। उन्होंने कहा कि यह सब संविधान और लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करने की सोची-समझी रणनीति है।
सुदेश महतो ने कहा कि नगर निकायों में जनप्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी के कारण स्वच्छता, शहरी विकास और बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जनता को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती। हाईकोर्ट की टिप्पणी इस बात का प्रमाण है कि सरकार अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूरी तरह विफल रही है।