रांची (ख़बर आजतक) : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को अधिकारिक तौर पर बंद करने हेतु हेमंत सोरेन सरकार जल्द से जल्द अधिसूचना जारी अपनी कि गइ घोषणा पुरी करे नहीं तो पुनः उलगुलान होगा l
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता हटिया विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने राज्य के मुख्य मंत्री श्री हेमंत सोरेन एवं देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को ईमेल के द्रारा भेजे गये पत्र के माध्यम कही l इन्होंने आगे कहा की 30 साल के लंबे ग्रामीणों के आंदोलन एवं संघर्ष के बाद आखिरकार 16 अगस्त 2022 को राज्य मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के प्रभावितों के बीच घोषणा किया था की विवादित 1471 वर्ग किलोमीटर जमीन की वापसी रक्षा मंत्रालय से वापस ली जाएगी और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को आधिकारिक तौर पर बंद किया जाएगा, मगर आज घोषणा के पांच माह होने को हैं इसके बावजूद अब तक सरकार की ओर से आज तक कोई सरकारी प्रक्रिया शुरू नहीं किया गया जिस कारण वर्षों से नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से प्रभावित विस्थापन का दंश झेल रहे ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ व्यापक रोष व्याप्त है और उनका गुस्सा कभी भी फुट सकता है और इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने हो सकते हैं ।
श्री नायक ने आगे कहा कि चुकी विवादित जमीन अभी केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अधिकार में और अधिग्रहित भूमि के रूप मे है इसलिए जब तक झारखंड सरकार इस जमीन का अवधि विस्तार नहीं देने से संबंधित प्रस्ताव पास करके केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को नहीं भेजती है ,तब तक रक्षा मंत्रालय आधिकारिक तौर पर इसको लेकर अधिसूचना जारी नहीं करती है तब तक मुख्यमंत्री जी की घोषणा लीगल रूप से संवैधानिक नहीं होगी । माननीय मुख्यमंत्री जी के द्रारा इस दिशा में अब तक कोई सकारात्मक सरकारी पहल नही करने से ग्रामीण जनता इस घोषणा को सिर्फ जुमला एवं केवल राजनीति स्टंट मानने को बाध्य हैं जो राज्यहित एवं जनहित तथा राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं है ।
श्री नायक ने आगे कहा कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में लातेहार जिला के करीब 39 राजस्व ग्रामों द्वारा आम सभा के माध्यम से राज्यपाल और सरकार को पूर्व में भी ज्ञापन सौंपा था और उस ज्ञापन के माध्यम से फायरिंग रेंज के प्रभावित लातेहार एवं गुमला जिला के बारे में बताया गया था कि वे दोनो जिला पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आते है और वहां पेसा एक्ट 1996 लागू है जिसके तहत ग्राम सभा को यह संवैधानिक अधिकार प्राप्त है कि प्रभावित इलाकों के ग्राम प्रधानों ने प्रभावित जनता की मांग पर ग्राम सभा का आयोजन कर फायरिंग रेंज के लिए गांव की सीमा के अंदर की जमीन सेना के फायरिंग रेंज अभ्यास के लिए उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय लिया था।
श्री नायक ने आगे कहा लातेहार तथा गुमला के फायरिंग रेंज से प्रभावित जनता के हित में तुरंत नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का अधिकारिक तौर पर बंद करने की अधिसूचना जारी करने की दिशा में हेमंत सोरेन सरकार अग्रतर कार्रवाई कर की गई घोषणा को जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने का कार्य करें ताकि खोई हुई जनता का विश्वास प्राप्त कर विस्थापित जनता के बीच एक आदर्श स्थापित करने की दिशा में ठोस पहल हो सके अन्यथा फिर से आंदोलन का श्रीगणेश किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार पर होगी