खबर आजतक : कैप्टन बनने के लिए कम से कम 100 घंटे का फ्लाइंग अनुभव चाहिए होता. आज पोखरा के लिए उड़ान भरते समय कैप्टन केसी ने मुख्य पायलट की को-पायलट अंजू को सीट पर बैठाया था. सफल लैंडिंग के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन दुर्भाग्य कि वो महज 10 सेकंड की दूरी पर ही सारे सपने और अरमान धुएं में मिल गए.नेपाल में रविवार को दर्दनाक विमान हादसा हो गया. लैंडिंग से पहले ही प्लेन क्रैश कर गया. विमान में 68 यात्री समेत कुल 72 लोग सवार थे. जिसमें 5 भारतीय भी शामिल हैं. दुर्घटनाग्रस्त विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा की बतौर को-पायलट यह आखिरी उड़ान थी. प्लेन को सकुशल लैंडिंग कराने के बाद अंजू कैप्टन बनने वाली थीं. इसके लिए वह सीनियर पायलट और ट्रेनर कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं.दरअसल, फ्लाइंग कैप्टन बनने के लिए कम से कम 100 घंटे का फ्लाइंग अनुभव चाहिए होता. को-पायलट अंजू ने इससे पहले भी नेपाल के लगभग सभी विमानस्थलों में सफ़लतापूर्वक लैंडिंग कराई थी. रविवार को पोखरा के लिए उडान भरते समय कैप्टन केसी ने मुख्य पायलट की सीट पर उन्हें बैठाया था. सफल लैंडिंग के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन दुर्भाग्य कि महज 10 सेकंड की दूरी से पहले ही सारे सपने और अरमान धुएं में मिल गए. जानकारी के मुताबिक कैप्टन कमल केसी का बतौर पायलट अनुभव 35 साल का था. केसी ने पहले भी कई पायलटों को ट्रेनिंग दी थी और उनके द्वारा ट्रेंड पायलट आज सफल कैप्टन के रूप में जाने जाते हैं. नेपाल में विमान और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की संख्या की बात करें तो अब तक कुल 104 हादसे हुए हैं, जिनमें 96 यात्री विमान और 8 हेलीकॉप्टर दुर्घटना शामिल हैं.
16 साल पहले पति ही भी विमान दुर्घटना में गई थी जान
इस हादसे में एक दुर्योग ये है कि को-पायलट अंजू के पति की भी जान विमान हादसे में गई थी. दरअसल, उनके पति दीपक पोखरेल भी यति एयरलाइंस में बतौर को-पायलट तैनात थे. 16 साल पहले यानि 21 जून 2006 को यति एयरलाइंस के जिस विमान की दुर्घटना हुई थी, उसमें अंजू के पति को-पायलट थे. नेपालगंज से सुर्खेत होते हुए जुम्ला जा रहे यति एयरलाइंस का 9N AEQ विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें 6 यात्री और 4 क्रू मेंबर की मौत हो गई थी.