झारखण्ड धनबाद

परिवार नियोजन कार्यक्रम के संदर्भ में मंत्री बन्ना गुप्ता ने की वर्चुवल बैठक

रिपोर्ट : सरबजीत सिंह

जमशेदपुर (खबर आजतक):- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम विषय पर वर्चुवल बैठक में एनआईसी जमशेदपुर से राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री बन्ना गुप्ता ने हिस्सा लिया।

श्री बन्ना गुप्ता ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के संदर्भ में कार्यक्रम को झारखण्ड में प्रभावी तरीके से लागु करने के लिए भारत सरकार से अपेक्षित सहयोग की मांग करते हुए कहा झारखंड के पूरे 62 लाख परिवार को मिले आयुष्मान भारत योजना का लाभ, परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए झारखंड के प्रत्येक जिले में जिला कोर्डिनेटर की पद स्वीकृत हो, सहिया दीदी का मानदेय 2000 से बढ़ाकर 6000 मिले, स्वास्थ्य कार्यक्रमों में 60ः40 के बदले 90ः10 का अनुपात में लाभ मिले, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रचार प्रसार के लिए निःशुल्क रूप से इंडियन पोस्ट विभाग के सहयोग मिले, पीसीपीएंडीटी एक्ट को मजबूत बनाने की जरूरत, झारखंड को विशेष प्रचार प्रसार की सामग्री उपलब्ध कराया जाए।

साथ हीं झारखण्ड में परिवार नियोजन कार्यक्रम के संदर्भ में वर्तमान एवं भविष्य की रणनीति के बारे में बताया शादी एवं गर्भ धारण की उम्र के बारे में जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत माता-पिता एवं परिवार को इस संदर्भ में जागरूक किया जा रहा है। भविष्य की रणनीति के तहत दीवाल लेखन, सरकारी / गैर सरकारी संस्थानों तथा अन्य विभागो का सहयोग लेकर समाज में जागरूकता कार्यक्रम निर्धारित है।
सास बहु सम्मलेन झारखण्ड का एक नवाचार कार्यक्रम है जिसे मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है। इस सम्मलेन के द्वारा परिवार के सभी सदस्य सास, ससुर, बेटा एवं पत्नी को लड़कियों की उच्च शिक्षा, सही समय पर शादी, पहले बच्चे में शादी के बाद दो साल का अंतर, दो बच्चों में तीन साल का अंतर एवं परिवार पूरा हो जाने पर स्थाई विधि अपनाने हेतु जागरूकता फैलायी जा रही है। चौराहा बैठक के माध्यम से पुरूष वर्ग को संवेदित करने का कार्य किया जाना है । संतुष्ट पुरुष के द्वारा एक समुह को प्रोत्साहित करने हेतु उनका नेटवर्क बनाया जाएगा एवं वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से उन्हें जोड़ा जाएगा। (गर्भ निरोधक सुई) के उपयोग कर रही महिला को नियमित सुई लेने हेतु टेलिफोन के माध्यम से फॉलोअप कर उन्हें उनके अगले सुई की तिथि का जानकारी दी जाएगी । वित्तीय वर्ष 2022 – 23 एवं 2023-24 के अन्तर्गत नवाचार कार्यक्रम के तहत प्रत्येक माह की 21 तारीख को परिवार कल्याण दिवस सभी ग्रामीण एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मनाया जाता है। परिवार कल्याण दिवस को आउटरीच कार्यक्रम के रूप में मनाया जाना प्रस्तावित है। इसे संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर एएनएम, सीएचओ एवं कॉउन्सलर द्वारा चिन्हित गाँव / टोला में जहाँ एक दम्पति पर बच्चे की संख्या अधिक है तथा परिवार नियोजन विधियों का प्रयोग कम हो रहा है, संचालित किया जाना निदेशित है।
प्रसव उपरान्त परिवार नियोजन विधियों के उपयोग को बढ़ाये जाने हेतु परामर्श देने का कार्य किया जा रहा है। प्रसव पूर्व जाँच के दौरान एवं कुपोषण उपचार केन्द्र के माध्यम से माताओं को परिवार नियोजन पर परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तगर्त प्रत्येक माह के 9 तारीख को आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के माध्यम से एएनएम, कॉउन्सलर तथा सहिया द्वारा गर्भवती माताओं को प्रसव उपरान्त परिवार नियोजन अपनाने हेतु परामर्श दिया जा रहा है। भविष्य में प्रसव एवं गर्भपात उपरान्त विधियाँ को अपनाने हेतु सरकारी एवं गैर-सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के द्वारा परिवार नियोजन पर परामर्श को सुदृढ़ किया जाएगा। सहिया एवं ए.एन.एम. के परामर्श क्षमता के गुणवत्ता का मूल्यांकन करने हेतु एैप तैयार किया जा रहा है जिसके अन्तगर्त वर्ष में दो बार उनका मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही संबंधित सहिया को प्रशिक्षित किया जाएगा । समुदाय के सभी वर्गों के लिए विशेषकर दिव्यांगजन (दृष्टिबाधित) के लिए पुस्तिका विकसित की गयी है । सामाजिक रूप से पिछड़े, कमजोर एवं बहिष्कृत लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न सेवाओं पर जागरूक करने हेतु पुस्तिका एवं अन्य प्रचार प्रसार के माध्यमों को विकसित करने का कार्य प्रस्तावित है आपूर्ति श्रंखला को मजबूत करने हेतु हितधारकों के लिए जिलावार वाट्सअप समुह एवं छोट विडियों का निर्माण किया गया है। इसके अन्तगर्त हिन्दी में ए. एन. एम एवं सहिया के लिए पिक्चर पुस्तिका तैयार की गयी है जिसे समझ कर वे स्वंय कार्यो को कर सकती है। भविष्य की रणनीति को सुदृढ़ करने हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। सभी मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सकों (इन्टरन, रेजिडेंड एवं फैकलटी) को परामर्श कौशल, नये तथा पुराने विधियों पर अद्यतन जानकारी एवं फनंसपजल संबंधी प्रशिक्षण का कार्य शुरू किया गया है। निरंतर फॉलो अप एवं समीक्षात्मक बैठक के कारण सेवाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। भविष्य की रणनीति के तहत सभी मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग एवं सोशल कॉरपोरेट रिस्पोनसीबिलिटी के अनुसार कम उपलब्धी वाले स्वास्थ्य केन्द्र को गोद लिया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान समय में पी०पी०पी० के माध्यम से निजी क्लिनिकों में स्थाई एवं अस्थाई विधियों की सेवाएँ दी जा रही है। 21 जिलों में महिला बन्ध्याकरण एवं पुरूष नसबंदी की सेवाएँ दी जा रही है।

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