रिपोर्ट : प्रशांत अम्बष्ठ
गोमिया (ख़बर आजतक) : तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार सिंह के मुस्तैदी से क्षेत्र के चार नाबालिग बच्चे दलालों के चंगुल में फंसने से बच जाते हैं। दरअसल मामला बोकारो जिले के तेनुघाट ओपी थाना के साड़म पूर्वी पंचायत स्थित करमाटांड़ गांव का है। जहां बीते सोमवार को चारों बच्चे गांव से अचानक गुम हो जाते हैं। शाम तक बच्चों को घर नही पहुंचने पर परिजन उन्हें ढूंढने निकल पड़ते हैं। काफी खोजबीन करने के बाद जब बच्चे नही मिलते हैं, तो परिजन तक-हारकर तेनुघाट पुलिस से बच्चों को ढूंढने की गुहार लगाते हैं।
मामला संज्ञान में आते ही तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार सिंह करमाटांड़ गांव पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट जाते हैं।छानबीन करने के पश्चात ओपी प्रभारी श्री सिंह ने उन सभी बच्चों का फोटो जीआरपी बोकारो के साथ साथ कई जगह सर्क्युलेट करवा देते हैं। बच्चों का फोटो सर्क्युलेट होते ही पुलिस और जीआरपी हटकत में आ जाती है। और इस तरह पुलिस एवं जीआरपी की मुस्तैदी से बच्चे कलकत्ता में दलालो के चंगुल में फंसने से पहले ही पुलिस की पकड़ में आ जाते हैं। बच्चों के कलकत्ता में मिलने की सूचना मिलते ही परिजनों को हिम्मत बंधती है, और वे फिर गांव के ही समाजसेवी अनिल यादव के नेतृत्व में कलकत्ता के लिए निकल पड़ते हैं,
और बच्चों को घर वापस ले आते हैं। जानकारी के अनुसार चारो नाबालिग बच्चे मोबाइल में गेम खेलने के दौरान पश्चिम बंगाल के एक दलाल के चंगुल में फंस जाते हैं। दलाल उन बच्चों को अच्छी नौकरी का सब्जबाग दिखाते हुए मोटी सैलरी और रहने का मकान देने का वादा कर कलकत्ता बुला लेते हैं। उधर बच्चे भी दलाल के झांसे में आकर बिना किसी को कुछ बताए अपने घर से चुपचाप कलकत्ता के लिए निकल पड़ते हैं। बीते सोमवार को चारो बच्चे अपने अपने घर से निकलकर तेनुघाट में जमा होते हैं। उनमे से एक बच्चा तो स्कूल में क्लास कर सीधे तेनुघाट चला जाता है। फिर वे लोग वहीं नहर में नहाकर तैयार हो जाते हैं। बच्चे तेनुघाट से निकलकर बोकारो से धनबाद-निरसा के रास्ते कलकत्ता पहुंच जाते हैं। कलकत्ता में जीआरपी पुलिस चारो बच्चों को इधर उधर घूमता हुआ देख पकड़ लेते हैं,और इसकी जानकारी तेनुघाट ओपी प्रभारी को दे देते हैं। बच्चों के मिलने पर परिजनों के साथ साथ ग्रामीण तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार सिंह के कार्यशैली पर सराहना करते हुए धन्यवाद कहा है।