रांची (ख़बर आजतक) : पूर्णिया, बिहार में अंधविश्वास के नाम पर एक ही आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने की अमानवीय घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हृदयविदारक घटना को लेकर आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे बिहार सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता और शासन की विफलता का जीवंत उदाहरण बताया।
श्री नायक ने कहा, “यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र है। भाजपा गठबंधन सरकार आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझती है, उनके जीवन, सुरक्षा और सम्मान के लिए कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाती।”
उन्होंने कहा कि डायन-बिसाही जैसी कुप्रथाओं और अंधविश्वास के खिलाफ सरकार ने आज तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया, जिससे ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने मांग की कि इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए, दोषियों को अविलंब गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की जाए।
विजय शंकर नायक ने ऐलान किया कि आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच इस घटना के खिलाफ बिहार भर में आंदोलन तेज करेगा। उन्होंने कहा कि अगर आदिवासी समाज पर अत्याचार नहीं रुके, तो सड़क से सदन तक व्यापक जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
अंत में मंच ने सभी सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील की कि वे इस अमानवीय घटना के खिलाफ आवाज उठाएं और आदिवासी समाज के साथ एकजुटता दिखाएं।