नितीश मिश्र /संजय तिवारी
रांची (ख़बर आजतक) : रांची स्थित होटल रेडिसन ब्लू में शुक्रवार को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक का आयोजन हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। बैठक में झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप-मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों समेत कुल 199 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक का उद्देश्य: आपसी समन्वय और विकास को गति देना
यह बैठक क्षेत्रीय समन्वय को मजबूत करने, विकास योजनाओं की समीक्षा करने और सुरक्षा-संबंधी साझा रणनीति बनाने के उद्देश्य से आयोजित की गई। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि “क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और राज्यों के बीच संवाद का प्रभावी माध्यम हैं। इनके माध्यम से जमीनी समस्याओं को समझकर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सकता है।”

बैठक में राज्यों के बीच बेहतर सहयोग स्थापित करने, केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं के कार्यान्वयन, और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास जैसे मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ
झारखंड ने उठाया कोयला रॉयल्टी का मुद्दा
बैठक के दौरान झारखंड सरकार की ओर से कोयला रॉयल्टी की बकाया राशि का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। राज्य सरकार ने करीब ₹1.36 लाख करोड़ की बकाया रॉयल्टी भुगतान की माँग केंद्र सरकार से की। बताया गया कि यह मुद्दा राज्य की अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। झारखंड सरकार ने स्पष्ट किया कि इस राशि के भुगतान से राज्य के विकास कार्यों में गति लाई जा सकती है।
विकास और समन्वय पर रही विशेष चर्चा
बैठक में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की प्राथमिकताओं को साझा किया और बताया कि किस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारों के बेहतर समन्वय से जनता को सीधा लाभ पहुंचाया जा सकता है।
बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास, सीमावर्ती जिलों में आधारभूत संरचना, पुलिस और प्रशासनिक सहयोग, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन जैसे विषयों पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
इस उच्चस्तरीय बैठक के माध्यम से न केवल राज्यों के बीच संवाद स्थापित हुआ, बल्कि साझा विकास की दिशा में भी एक मजबूत कदम उठाया गया। परिषद की अगली बैठक में उठाए गए प्रस्तावों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।