नितेश वर्मा, बोकारो
बोकारो (ख़बर आजतक) : झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और मजदूरों की आवाज बुलंद करने वाले नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का गुरुवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।

गढ़वा जिले के विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके ददई दुबे, धनबाद से सांसद भी रहे थे। साथ ही वे झारखंड सरकार में मंत्री, इंटक (भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एक जुझारू मजदूर नेता के रूप में भी जाने जाते थे। उन्होंने जीवनभर मजदूरों, श्रमिकों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
उनके निधन की खबर मिलते ही झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। सभी दलों के नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने 9 जुलाई को सर गंगाराम अस्पताल जाकर ददई दुबे से मुलाकात की थी और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनके निधन की खबर से पार्टी सहित पूरे राज्य को गहरा आघात पहुंचा है।
ददई दुबे की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने विश्रामपुर से छह बार विधानसभा चुनाव जीतकर जनता की सेवा की और हर बार उन्होंने श्रमिकों के मुद्दों को विधानसभा और संसद में मजबूती से उठाया।
उनके निधन पर कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने गहरा दुख जताया है। ददई दुबे का जाना झारखंड की राजनीति और मजदूर आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति है।