राँची (ख़बर आजतक) : गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार अपना पर्चा भर चुके जयराम महतो अब कानूनी दांवपेंच में बुरी तरह फंस गए है। 1 मई को उंन्होने बोकारो में बातौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामंकन दाखिल किया था। नामंकन के दौरान डीएसपी के नेतृत्व में बोकारो पहुँची राँची पुलिस ने 2022 में विधानसभा घेराव के मामले हिरासत में ले लिया था ( जिसका जिक्र उंन्होने अपने हलफनामे में भी किया है) लेकिन समाहरणालय के समक्ष जमा हुए उनके समर्थक के उबाल को देखते हुए पुलिस ने उन्हें पूर्व से निर्धारित जनसभा को सम्बोधित करने की इजाज़त इस शर्त पर दी कि सभा के बाद वो अपनी गिरफ्तारी दे देंगे, परन्तु जयराम महतो ने जनसभा को सम्बोधित करने के बाद वहाँ तैनात पुलिसकर्मियों के आंखों में धूल झोकते हुए भीड़ का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गए।
निर्वाची पदाधिकारी ने नोटिस जारी कर उन्हें 7 मई को बुलाया।
निर्वाची पदाधिकारी द्वारा जयराम महतो को नोटिस जारी कर कहा है कि आपकी ओर से समर्पित नाम निर्देशन में प्रस्तावकों में से एक प्रस्तावक का हस्ताक्षर संदेहास्पद है जिसका सत्यापन करना ज़रूरी है अतः आप 7 मई को निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्तिथ हो। इस मामले में निर्वाचन शाखा ने दो मई को फोन पर सम्पर्क साधने की कोशिश की परन्तु फोन रिसीव नही किया गया, लिहाजा 7 मई को 11 बजे पूर्वाह्न निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्तिथ होने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
जयराम की हो सकती है गिरफ्तारी।
जिस प्रकार से जयराम महतो पुलिस को चकमा देकर फरार हुए है उस मामले में बोकारो के सिटी थाना में जयराम महतो सहित 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है, जयराम को राँची पुलिस को सौपने की जिम्मेवारी बोकारो पुलिस की ही थी। अब गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में ये चर्चा जोरों पर है कि अगर हस्ताक्षर सत्यापन के लिए जयराम उपस्थित होते है और उनकी गिरफ्तारी हुई तो गिरिडीह लोकसभा चुनाव पर इसका असर साफ देखने को मिलेगा।