झारखण्ड बोकारो

बाबासाहेब संघर्ष के प्रतीक : उमाकांत रजक

बोकारो (ख़बर आजतक): शोषितों को समाजिक समानता के अधिकार दिलाने के लिए बाबा साहब ने काफी संघर्ष किया । वही देश को ससक्त संविधान देकर भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश में शुमार कर दिया। वे संघर्ष के प्रतिक थे।उक्त बातें पूर्व मंत्री सह आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष श्री उमाकांत रजक ने चंदनकियारी के शहीद चौक स्थित बाबासाहेब अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा।
श्री रजक ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं । उनके विचारो को आत्मसात कर समाज के हासिये में डाले गए लोग आज सम्मान से जीवन वसर कर रहे है।उन्होंने राष्ट्रीयता के संदर्भ में कहा था कि हम सब पहले और अंत में भारतीय हैं । उन्होंने कमजोर वर्गों को प्रेरित करने के लिए नारा दिया कि शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो। मौके पर आजसू पार्टी के जिला प्रधान सचिव तपन सिंह चौधरी,राजेश भगत, बाटुल राय ,तपन रजवार,राजीव रंजन झा,शत्रुघ्न महतो,कन्हाई जयसवाल,नारायण साव आदि उपस्थित थे।
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