आदिवासी जमीन की लूट-खसौट का मुद्दा गंभीर: लक्ष्मीनारायण मुंडा
रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): आदिवासी जमीन बचाओ अभियान के तत्वावधान में आदिवासियों की धार्मिक, सामाजिक, बकाश्त भूंईहरी और निजी जमीनों की लूट-खसौट, जबरन दखल-कब्जा, जमीन माफिया, बिल्डर बिचौलिया – दलालों, असामाजिक/ आपराधिक तत्वों और राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत करके दस्तावेजों में छेड़छाड़ / हेराफेरी, पुलिस प्रशासन,जमीन माफिया गठजोड़ से परेशान, पीड़ित हजारों लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारियों को दिये गए आवेदनों/शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नही होने से झेल रहे आदिवासी समुदाय के लोगों के सवालों को मानसून सत्र में विधानसभा में रखने का आग्रह के साथ आदिवासी संगठनों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से मिला।
इस दौरान आदिवासी संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे आदिवासी नेता लक्ष्मीनारायण मुण्डा ने कहा कि आदिवासी जमीन की लूट-खसौट का मुद्दा गंभीर है। गाँव के गाँव और शहर कहीं अछूता नही है। इससे आदिवासी समुदाय त्रस्त है। इस मुद्दे को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, आरोप-प्रत्यारोप से हटकर वर्तमान समय में जो परिस्थिति आदिवासी समुदाय के लिए बनी हुई है। इससे छुटकारा दिलाने के लिए विधानसभा में पक्ष-विपक्ष गंभीरता से बहस, विचार – विमर्श करे।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गौर से सुना और आश्वासन दिया कि इस सत्र में हमारी कोशिश रहेगी कि इस पर विधानसभा में एक दिन का चर्चा हो और पक्ष – विपक्ष इसका सर्वमान्य हल निकाले।
इस प्रतिनिधिमंडल में लक्ष्मीनारायण मुण्डा, सूरज टोप्पो, डब्लू मुण्डा, मोहन तिर्की, बलकु उराँव, निर्मल पाहन, बुधवा उराँव, सारजन हांसदा शामिल थे।