नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): सरला बिरला विश्वविद्यालय के सत्र 2023 – 24 के छात्रों का इंडक्शन प्रोग्राम “दीक्षारंभ” का समापन बी.के बिरला ऑडिटोरियम में किया गया। तीन दिवसीय”दीक्षारंभ” के अंतिम दिन ह्यूमैनिटीज एंड लिंग्वस्टिक्स, योगा एंड नेचुरोपैथी तथा फार्मेसी और लॉ संकाय के छात्रों का विधिवत अभिनंदन किया गया।
इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गोपाल पाठक ने नये छात्रों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के अनुशासन, रीति- नीति, विभिन्न शैक्षिक परंपराओं आदि के बारे में जानकारी देते हुए अनुशासन पूर्वक बेहतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए कक्षा के सभी प्रकरण को सामान महत्त्व देने एवं शत प्रतिशत कक्षा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता से हर मामले में भारतीय संस्कृति उत्तम एवं जीवनोपयोगी है।
उन्होंने कहा कि आज के जीवन कि हर समस्याओं का समाधान श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण में अंतर निहित है जिससे जीवन के समस्याओं के बीच संतुलन बनाई जा सकती है। जीवन में सफल होने के लिए सर्वप्रथम लक्ष्य निर्धारण की बात करते हुए उन्होंने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अनुशासित होकर एकाग्रता पूर्वक कठिन परिश्रम करने की बात कही। युवा शक्ति के महत्व एवं ऊर्जा तथा उपयोगिता को साकार करने के लिए उन्होंने छात्रों से विवेकानंद जी की जीवनी को पढ़कर उसे आत्मसात करने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने तीन तरह के अनुशासन यथा जनरल डिसिप्लिन, एकेडमिक डिसीप्लिन एंड फाइनेंशियल डिसिप्लिन के बारे में जागरूक करते हुए उसे हर हाल में मेंटेन करने की सलाह दी।
उन्होने कहा कि छात्र जीवन अनमोल है जिसमें सर्वोच्च तक जाने के अपार संभावनाएं होती हैं। इस अवस्था में भटकाव के भी काफी अवसर मिलते हैं लेकिन जो अपने आप को संयमित रखते हुए संभाल लेगा वही जीवन में सफल हो। उन्होंने कहा कि बिरला परिवार हमेशा से गुणवत्ता युक्त शिक्षा का पक्षधर रहा है।
सरला बिरला विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए आधारभूत आवश्यकताओं सहित रिसर्च तक की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर संभव प्रयत्नशील है ताकि हमारे छात्र विश्वस्तरीय गुणवत्ता के साथ अपनी प्रतिभा का विकास कर राष्ट्र एवं समाज के कल्याण में सहभागी बन सकें।
इस समारोह को कुलसचिव प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने कहा कि कोर्स के साथ-साथ कैरेक्टर बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप अपनी जिंदगी की किताब के लेखक स्वयं हैं। उन्होंने वि वि के सुव्यवस्थित कैंपस एवं कैंपस कल्चर तथा गुरु शिष्य परंपरा के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की।
ह्यूमैनिटीज, लिंग्विस्टिक, योगा एंड नेचरोपैथी की संकायाध्यक्ष प्रोफेसर नीलिमा पाठक ने शिक्षक और छात्र के परस्पर संबंधों पर विस्तृत चर्चा करते हुए छात्रों को नियमित अध्ययन करने और अपनी योग्यता का उत्तरोत्तर विकास करने की सलाह दी। उन्होंने नकारात्मकता से बाहर निकाल कर अपने मन को सकारात्मक की ओर ले जाने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने कहा कि हमारा मन ही सच्चा मित्र है और प्रबल शत्रु भी। हम अपने मन पर नियंत्रण प्राप्त कर ही अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं।
इस समारोह में प्लेसमेंट सेल के डीन हरी बाबू शुक्ला, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन प्रोफेसर राहुल वत्स, लाइब्रेरियन डॉ प्रमोद कुमार होता, छात्र संकायाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार अस्थाना ने भी संबोधित किया।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ नीतू सिंही व धन्यवाद ज्ञापन फार्मेसी के डीन डॉ शैलेष नारायन के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अजय कुमार, प्रवीण कुमार, इंजीनियरिंग के डीन प्रो एसबी दंडीन, फैकल्टी ऑफ लॉ के डीन डॉ राजकुमार सिंह, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट के डीन डॉ संदीप कुमार, डॉ सुबानी बाड़ा, डॉ राधा माधव झा, डॉ पार्थ पॉल, डॉ पूजा प्रेरणा, डॉ गौतम तांती, डॉ रिया मुखर्जी, डॉ विश्वरूप सामंता , डॉ जीवा एस चिदंबरम, डॉ संजीव कुमार, प्रो चंदन कुमार, प्रो राजीव रंजन, डॉ दीप्ति कुमारी, डॉ पिंटू दास,डॉ दीपक प्रसाद, प्रो प्रशांत कुमार, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ विजय कुमार साहू, डॉ बी एन लक्ष्मी दुर्गा, डॉ भारद्वाज शुक्ल, अनुभव अंकित, अदित्य रंजन, चन्द्रशेखर महथा, सुभाष नारायण शाहदेव, राहुल रंजन आदि उपस्थित थे।