नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): बीआईटी मेसरा ने मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया। इस आयोजन ने भारत के संविधान को अपनाने का सम्मान किया और राष्ट्र के लोकतांत्रिक ढांचे को आकार देने में इसके स्थायी महत्व को उजागर किया।
वहीं समारोह की शुभारंभ प्रस्तावना पढ़ने के समारोह से हुई, सभी विभागों के डीन एवं प्रमुख, सभी फैकल्टी, छात्रों और कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से संविधान के मूल सिद्धांतों का पाठ किया। इसके बाद संविधान के मूल्यों और समकालीन समाज में इसकी प्रासंगिकता पर गहन चर्चा, वार्ता और प्रस्तुतियाँ हुईं। साथ ही प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों ने ऐतिहासिक संदर्भ प्रदान किया और भारतीय नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा में संविधान की भूमिका को रेखांकित किया।
बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो. डॉ. इंद्रनील मन्ना ने अपने उद्घाटन भाषण में युवा मन को संविधान और उसके प्रावधानों के बारे में शिक्षित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में न्याय, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया।
वहीं गणमान्य अतिथि मुकेश कुमार नारायण, ओएसडी न्यायिक, राज्यपाल ने एक मुख्य भाषण दिया जिसमें मौलिक अधिकारों पर बात की और संविधान को अपनाने पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संविधान की अनूठी विशेषताओं और मूक प्रावधानों पर जोर दिया।
एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र में सभी बीआईटी मेसरा परिसरों के छात्रों ने संविधान के विकास और आधुनिक भारत पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। इस आयोजन ने राष्ट्र को शासित करने वाले मूल दस्तावेज़ के लिए सीखने और सम्मान के माहौल को बढ़ावा दिया।
बीआईटी मेसरा के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव दत्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। साथ ही समारोह का समापन डॉ. निधि जायसवाल, सहायक रजिस्ट्रार कानूनी द्वारा आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के साथ हुआ जिसमें सभी उपस्थित लोग शामिल हुए। मृणाल पाठक कार्यक्रम के एंकर थे।
इस दौरान बीआईटी मेसरा में संविधान दिवस समारोह राष्ट्र के लोकतांत्रिक ताने-बाने को बनाए रखने की सामूहिक जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण स्मरण था।