रांची (ख़बर आजतक): शिक्षा अधिकार कानून से 2,588 बीपीएल वर्ग के दलित आदिवासी मूलवासी एवं अन्य आर्थिक रूप से कमजोर स्वर्ण समाज के बच्चों को नामांकन से वंचित करने वाले सभी निजी स्कूलों की मान्यता समाप्त करें स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग नहीं तो आंदोलन किया जाएगा l
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष भाई विजय शंकर नायक ने कही । इन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में राज्य के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कुल 9,974 सीटों पर बीपीएल वर्ग के दलित आदिवासी मूलवासी एवं आर्थिक रूप से कमजोर स्वर्ण समाज के बच्चों का नामांकन होना सुनिश्चित था मगर मात्र केवल 4,386 बच्चों का ही नामांकन निजी विद्यालयों में किया गया और 2,588 बच्चों का नामांकन नहीं किया गया जो जांच का विषय है किस परिस्थिति में इन वर्गों के बच्चों को नामांकन से वंचित किया गया।श्री नायक ने आगे कहा कि सबसे खराब स्थिति राजधानी रांची का रहा जहां 1,213 बच्चों को नामांकन करना था जिसमें मात्र 636 बच्चों का ही नामांकन किया गया और 577 बच्चों का नामांकन नहीं किया गया दूसरे अस्थान में पूर्वी सिंहभूम रहा जहां 1,540 बच्चों को नामांकन करना था जिसमें मात्र 983 बच्चों का ही नामांकन किया गया और 558 बच्चों को का नामांकन नहीं किया गया तीसरे स्थान में बोकारो जिला रहा जहां 528 बच्चों का नामांकन करना था जिसमें मात्र 308 बच्चों का नामांकन किया गया और 220 बच्चों का नामांकन नहीं किया गया चौथे स्थान में देवघर जिला रहा जहां 361 बच्चों का नामांकन करना था जिसमें मात्र 152 बच्चों का नामांकन किया गया और 209 बच्चों का नामांकन नहीं किया गया पांचवे स्थान में सरायकेला जिला जहां 354 बच्चों का नामांकन करना था मात्र 156 बच्चों का ही नामांकन किया गया और 198 बच्चों का नामांकन नहीं किया गया बांके अन्य जिलों की स्थिति खराब नहीं तो ठीक भी नहीं कहा जा सकता है ।
श्री नायक ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि बच्चों के फीस निर्धारण हेतु जो प्रस्ताव बनाकर दिया गया था पूर्व में वह आज तक लंबित है । उस प्रस्ताव पर अविलंब अपना स्वीकृति प्रदान करें ताकि बच्चों को स्कूल में फिश वृदि के साथ नामांकन हो सके।