
एकताबद्ध संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है अपने हक को पाने का- दिनेश झा ‘लल्लन
बोकारो (ख़बर आजतक) : रविवार को स्थानीय जो हैवेन्स, चीरा चास में बैंक ऑफ़ इंडिया इम्पलाइज यूनियन, झारखण्ड स्टेट के बोकारो अंचल के सदस्यों का एक दिवसीय बैठक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष साथी इसके अध्यक्ष की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में बैंक ऑफ़ इंडिया के बोकारो अंचल के बोकारो एवं गिरिडीह जिला के सुदूरवर्ती सभी शाखाओं के कर्मचारियों की उपस्थिति रही, जिसमें महिला सदस्यों की भी भारी संख्या में भागीदारी रही।

बैठक का शुभारंभ साथी अध्यक्ष एस के अदक, महासचिव साथी दिनेश झा लल्लन, उप महसचिव साथी एस एन दास, संगठन सचिव साथी राकेश मिश्रा, कोषाध्यक्ष साथी प्रदीप झा, सहायक सचिव साथी सत्यजीत गिरि एवं साथी शहबाज आलम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। बैंक ऑफ़ इंडिया इम्पलाईज यूनियन झारखंड स्टेट के संगठन सचिव राकेश मिश्रा के द्वारा स्वागत उद्बोधन एवं संचालन शहवबाज आलम द्वारा किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित फेडरेशन ऑफ बैंक आफ इंडिया स्टाफ यूनियंस के अखिल भारतीय महासचिव तथा बैंक ऑफ़ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखंड स्टेट के महासचिव साथी दिनेश झा लल्लन ने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आज तक मजदूरों को अपना कोई भी हक बिना संघर्ष किया प्राप्त नहीं हो पाया है। और आज फिर से ऐसी स्थिति उत्पन्न की जा रही है, जहां हमें अपना अस्तित्व को बचाने के साथ-साथ बैंक को भी बचाने के लिए तथा इसे जनोंन्मुख बनाए रखने के लिए संघर्ष हेतु खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए मानसिक रूप से पूर्णरूपेण संगठित होकर संगठन के नेतृत्व में सतत संघर्ष करना होगा, कारण संगठन का कोई विकल्प नहीं है। आज बैंकों में जिन समस्याओं यथा ग्राहक सेवा संतोषप्रद नहीं होना, आए दिन ग्राहकों का बैंक काउंटरों पर जुझते हुए दिखना, साथ ही ग्राहकों के कार्य मनानुकूल नहीं होने से अनावश्यक कर्मचारियों पर उत्तेजित होना एवं कर्मचारियों पर भी अत्यधिक काम का दबाव होना, अतिआवश्यक होने पर भी कर्मचारियों को अवकाश न मिल पाना, साथ ही प्रावधान होने के बावजूद भी आग्रहानुसार स्थानांतरण नहीं होना, बैंक में आधारभूत संरचना की कमी होना आदि से ग्राहकों एवं कर्मचारी दोनों को जूझना पड़ रहा है। इस सब के पीछे बैंकों में कर्मचारी संवर्ग में बहाली नहीं होने के साथ-साथ हमारे आम सदस्यों में अपने हितार्थ ज्ञान एवं समझदारी का अभाव भी एक बड़ा कारण है। उन्होंने आगे बताया की अनेकों विषम परिस्थितियों के बावजूद संगठन लगातार अपने सदस्यों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयासरत रहता है। सदस्यों को विदित ही है कि संगठन के सतत प्रयास से जहां हम आर्थिक लाभ लेने में कदाचित सफलता जब तब प्राप्त कर लेते हैं वहीं सदस्यों की अन्य समस्याओं यथा स्थानांतरण आदि का भी यथासंभव समाधान संभव हो पता है। उन्होंने कहा कि आप सभी बोकारो अंचल के सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं कि आपने अपने संघर्ष से आंचलिक प्रबंधन को अपनी समस्याओं की दिशा में समाधान सोचते हेतु विवस किया है। यह आप सबों ने स्वयं साबित किया है कि एकताबद्ध संघर्ष से अपने हक एवं हुकुक को प्राप्त करने की दिशा में सफलता पाई जा सकती है। सदस्यों से आगे उन्होंने आह्वान किया कि संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा द्वारा 9 जुलाई 2025 को आहूत एक दिवसीय हड़ताल को सफल करने के लिए हम सभी पूरे मनोयोग से भाग लेंगे, कारण इनके मांगों में हमारे मांगे भी शामिल हैं।
बैंक ऑफ़ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखंड स्टेट के अध्यक्ष साथी एस के अदक ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा बोकारो अंचल के साथी को उनके आंदोलन के लिए क्रांतिकारी अभिनंदन है साथ ही उन्होंने कहा कि सभी अंचलों में समस्याओं की स्थिति एक जैसी है, प्रबंधन पूर्णतया मनमाना रवैया अपनाए हुए है अतः पूरे झारखंड राज्य में आंदोलन किया जाना चाहिए।
आज की आंचलिक सभा में बोकारो आंचल से राज्य कार्यकारिणी के लिए 10 सदस्य स्थाई समिति सदस्य एवं दो आमंत्रित सदस्य का चुनाव किया गया जिसमें इंद्रजीत चौधरी, दीपक कुमार लाल, प्रियंका कुमारी, अनुपम कुमारी, परमहंस कुमार, दीपक कुमार, संजय हेंब्रम, जगन्नाथ दास, शुभम दोस्त, शिव शंकर भगत तथा रणवीर कुमार राय वह अजय कुमार शामिल हैं।
सत्रांत के पहले पूर्व उपाध्यक्ष साथी उदय कुमार सिंह के सेवानिवृत्ति पर उन्हें अध्यक्ष एवं महासचिव द्वारा बुके प्रदान कर एवं शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। संगठन के अन्य पदाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह एवं अन्य उपहार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उदय कुमार सिंह ने कहा कि मैं बैंक से सेवानिवृत हुआ हूं सार्वजनिक जीवन से नहीं।
बैठक को सफल करने वालों में प्रमुख रूप से अजय कुमार, विनय कुमार, बृजेश कुमार सिंह, शशि भूषण मिश्रा, संदीप रवानी, रवीनव कुमार, मनोज कुमार, विजय बांसफोड, रामजी कुमार, शोभा कुमारी आदि ने अपना योगदान दिया।