झारखण्ड बोकारो

बोकारो : चिन्मय विद्यालय में ज्ञान-विज्ञान मेला 2022-23 संपन्न

विकास के लिए अध्यात्म के आधार पर विज्ञान का विकास जरूरी-स्वामी संयुक्तानंद सरस्वती

बोकारो (ख़बर आजतक): जनवृत 5 स्थित चिन्मय विद्यालय बोकारो के तपोवन सभागार में बच्चों के सृजनात्मक शक्ति ने संपूर्ण झारखंड को विविध परियोजनाओं के द्वारा सजीव कर दिया। उसकी ऐतिहासिकता से लेकर आने वाले समय में समृद्ध राज्य के रूप में उसकी यात्रा को प्रदशित किया। वार्षिक ज्ञान विज्ञान मेला सत्र 2022-23 जिसका थीम था झारखंड स्टडी टुडे टुमारो (कल, आज और कल)।

इस ज्ञान विज्ञान मेला का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि आवासीय आचार्या चिन्मय मिशन बोकारो परम पूज्य स्वामीनी संयुक्तानंद सरस्वती ने अपने उद्बोधन में बच्चों एवं शिक्षकों के परिश्रम एवं कुशल सृजनात्मक शक्ति के सदुपयोग की सराहना करते हुए उन्हें साधुवाद दिया और कहा कि केवल विज्ञान से नैतिक मूल्यों का विकास नहीं होता। इसके लिए आध्यात्म की आवश्यकता है। अध्यात्म के धरातल पर विकसित ज्ञान एवं विज्ञान ही ज्ञान एवं तकनीक का सही सदुपयोग कर मानवीय विकास में सहायक होता है। ऐसा विकास जीवन को स्वर्ग बना देता है

कार्यक्रम की शुरुआत मंत्र उच्चारण के साथ दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात ज्ञान-विज्ञान मेला के मुख्य संयोजक श्री शैवाल गुप्ता ने मुख्य अतिथि परम पूज्य स्वामिनी संयुक्तानंदासरस्वती आचार्य चिन्मय मिशन बोकारो, अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय ,विशिष्ट सम्मानित अतिथि श्री महेश त्रिपाठी (सचिव) एवं सूरज शर्मा (प्राचार्य) सहित उपस्थित सभी अभिभावको का स्वागत किया। तत्पश्चात विद्यालय के छात्र-छात्राऔ द्वारा स्वागत गान (संचिता कुमारी, अंशिता, तन्वी,ओम मिश्राा, शिवाशं आनंद, आर्दशनी, वंशिका सहाय, ज्ञाना श्री) ने हमर सोना झारखंड, संथाल नृत्य – (प्रतेक्षा, शानवी , श्रेया, श्वेता, रिशिका, निर्भिक, आयुष्मान, सिद्वार्थ) मोरा सुंदर झारखंड से उद्घाटन समारोह में पूरी भव्यता प्रदान की। ज्ञान विज्ञान मेला का प्रारूप बहुत ही उच्च स्तरीय समन्वयन मिले हुए था। झारखंड के भूगर्भीय संरचना, जलवायु, मिट्टी, खनिज, कृषि, पशुपालन, इतिहास, वनस्पति, जीव-जंतु, भाषा, नृत्य, साहित्य, संस्कृति, उत्सव, शिक्षा, खान-पान, आर्थिक, संरचनात्मक विकास एवं भविष्य की संभावना, राजनीतिक लोक-कला, पर्यटन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समन्विता खेलकूद आदि झारखंड से जुड़े पक्षों पर 16 स्टाल लगाए गए थे। जहां 218 छात्र-छात्राऔ ने छात्र एवं मॉडल के अलावा अपने कमयुनिकेशन, स्किल से लोगों को स्वर्णिम झारखंड के बारे में जानकारी दी और उन्हंे यह सपना देखने के लिए उत्प्रेरित किया कि झारखंड का भविष्य अति उज्जवल है और भारत ही नहीं संपूर्ण एशिया महाद्वीप के आर्थिक विकास का केंद्र बनेगा। मेला में सभी स्टॉल का हुआ मूल्यांकन। प्रत्येक स्टॉल पर अभिभावक एवं छात्रों की भारी भीड़ जमा थी। सभी स्टॉल पर जाकर 10 जजों के एक पैनल ने सभी प्रदर्शनी एवं प्रस्तुति का मूल्यांकन किया ।

परिणाम की घोषणा करने के बाद प्राचार्य सूरज शर्मा ने प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी छात्र एवं शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यालय के सभी छात्र एवं शिक्षक योग्य एवं अद्वितीय प्रतिभा के धनी हैं। इस प्रदर्शनी ने इस तथ्य को सार्थक किया है। आने वाले समय में ज्ञान-विज्ञान मेला और व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा। छात्रों की प्रतिभा को तराशने के सभी उपाय किए जाएंगे। ताकि ये छात्र सभी क्षेत्र में राष्ट्र के गौरव को अति भव्य बनाएंगे । कार्यक्रम का समापन विद्यालय गीत से हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में गोपाल चंद्रमुंशी, सेवाल गुप्ता, देव ज्योति बोराल, प्रिया राजीव, सोनाली गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई। संगीत विभाग से शिबेन चक्रवर्ती, जयकिशन राठौर, रुपक झा, दिनेश कुमार, पद्मावती घरई एवं रेनू साह ने सहयोग किया ।

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