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बोकारो : संगीत हमारे जडो में बसी है, संगीत के बिना जीवन अधूरा : जौहर अली

बोकारो (खबर आजतक): चिन्मय विद्यालय बोकारो में आज विश्व प्रसिद्ध वायलिन वादक उस्ताद जौहर अली खान ने बच्चों को वायलिन के इतिहास व वाद्ययंत्र के बारे में बताया। चिन्मय मिशन बोकारो की आचार्या स्वामिनि संयुक्तानंदा, विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी, प्रचार्य सूरज शर्मा, जौहर अली एवम अर्कादीप दास ने विद्यालय परंपरा के अनुसार कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राचार्य सूरज शर्मा ने स्वागत करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी आधुनिक, तेज और पश्चिमी स्वरूप की और आकर्षित हो रहे हैं। इसलिये spic macay द्वारा हमारी संस्कृति एवम सभ्यता को नई पीढ़ी तक पहुचाने का कार्य कर रही है। वायलिन वादक जौहर अली ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर ने खुद ही संगीत बनाई गई। भारतीय हमेशा ही संगीत प्रेमी रहे है। भारतीय संगीत का सार ही संगीत की आत्मा है जो कभी नहीं मरती है, क्योंकि इस हमारे जड़ो में बसी हुई है। जब वायलिन वादक ने शास्त्रीय धूनों पर वायलिन बजाना शुरू किया तो सभी छात्र एवम शिक्षक मन्त्रमुग्ध हो गए।


प्रदर्शन का मुख्य आकर्षण उनकी जबरदस्त जुगलबंदी थी, जिसमे जौहर अली ने वायलिन और तबले पर अर्कादीप दास ने संगत दी। जौहर अली ने कई भक्ति, बॉलीवुड और देशभक्ति धूनों पर भी मनमोहक प्रस्तुति की। जिसमें छात्र के तालियों के आवाज से पूरा वातावरण गूंज उठा। इस संगीतमय कार्यक्रम को और भी रोचक बनाते हुए उन्होंने विभिन्न राज्यों की लोक धूने बजाई और छात्रों से राजयबके नाम पूछे। अंत मे विद्यालय प्रबंधन की ओर से चिन्मय मिशन की स्वामिनी संयुक्तानंदा, सचिव महेश त्रिपाठी, प्राचार्य सूरज शर्मा ने दोनों संगीतकारों को सम्मानित किया। इस दौरान कक्षा नवमी एवम दशवीं के छात्र, छत्राओ के साथ साथ उनके शिक्षक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सोनाली गुप्ता, सिबेन चक्रवर्ती, जयकिशन राठौड़, दिनेश कुमार, रूपक झा के साथ साथ शिक्षक उपस्थित थे।

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