किसी भी हाल में विद्यालय को बचाकर रहूँगा : फूलचंद
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): बोड़ेया चौक स्थित कन्या उच्च विद्यालय की स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक रविवार को स्कूल की प्रधानाचार्य सुमित्रा कुजूर की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उराँव उपस्थित हुई। इस दौरान प्रधानाचार्य सुमित्रा कुजूर ने स्कूल के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह काँके क्षेत्र में एकमात्र ऐसा विद्यालय जिसमें बालिकाएँ निःशुल्क पढ़ाई करती हैं, स्कूल विकट परिस्थितियों में 38वर्षों से सफलतापूर्वक संचालित हो रहा हैं। यहाँ के शिक्षक -शिक्षिकाएँ बिना वेतन लिए निःशुल्क सेवा भाव से अपना जीवन निछावर कर दिए हैं, कई लोग बीमारी से मर गए। हमलोग अथक प्रयास कर 2008 में स्कूल को जैक से मान्यता प्राप्त किए,अपने खर्च से स्कूल का रंग ‐ रोगन कराते रहें, तुरन्त वर्तमान में कुछ लोग इस स्कूल को गिराकर स्पोर्ट्स कंपलेक्स बनाना चाहते हैं,जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
इस दौरान मुख्य अतिथि गीताश्री उराँव ने कहा कि मैंने इस विद्यालय का सारा कागजात देखी,पिछले दिनों का जैक रिजल्ट देखी और सही पाया, अभावग्रस्त परिस्थिति में भी यहाँ की छात्राएँ बोर्ड परीक्षा में अच्छा अंक से उत्तीर्ण होते रहें हैं, ऐसी स्थिति में स्कूल संचालित होते रहना चाहिए। मैं स्कूल के संचालन हेतू हमेशा सहयोग करुँगी।
केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष व स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की कहा कि किसी भी किमत में स्कूल को बचाया जाएगा।
वहीं बोड़ेया ग्राम प्रधान अनिल उराँव ने कहा कि इस स्कूल को स्कूल रहने दिया जाए और इस क्षेत्र में खाता 503,590,160,076 बड़का टाँड में लगभग – 6.82 एकड़ गैर मजरुआ जमीन हैं जिस पर स्पोर्ट्स कंपलेक्स बनाया जाए।
इस बैठक में केन्द्रीय सरना समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष फुलचंद तिर्की पर जानलेवा हमला की निंदा की गई।
इस अवसर पर बोड़ेया पंचायत के सरपंच अमर तिर्की, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रकाश उराँव, इंदू टोप्पो, विमला देवी, चाँगो टोप्पो, अर्चना कुमारी, निशा कच्छप, सपना कुमारी, मनोरमा कुमारी, सुष्मिता टोप्पो, काँके सरना समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् के सुरेंद्र लिण्डा, शिक्षाविद प्रमोद साहू, अधिवक्ता रविन्द्र साहू ,जगदीश साहू, केन्द्रीय सरना समिति के सत्यनारायण लकड़ा, भूनेश्वर लोहरा, बिमल कच्छप, प्रमोद एक्का, चैतु उराँव, विनय उराँव, क़िस्म लोहरा, बलकु उराँव, निर्मल पहान, अनिता गाड़ी आदि उपस्थित थे ।