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भय मुक्त विकास युक्त डुमरी बनाना है: सुदेश महतो

रिपोर्ट : नितीश मिश्र /संतोष सागर

राँची / डुमरी (खबर आजतक): रक्षा बंधन के दिन डुमरी उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी यशोदा देवी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए सुदेश महतो ने डुमरी प्रखंड के रोशनाटुंडा, बालुटुंडा, लोहेडीह, नगरी, बलथरिया, शंकरडीह, ठाकुरचक और पोरैया पंचायत में जनसभाएं की। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भय मुक्त विकास युक्त डुमरी बनाना है। डुमरी स्वाभिमानी धरती है उसके स्वाभिमान को जगाने के लिए आया हूं। यह उपचुनाव पूरे राज्य को संदेश देने में सफल साबित होगा कि 4 साल पहले झूठ की बुनियाद पर बनी सरकार का चरित्र कैसा है। यह जनादेश राज्य के साढ़े तीन करोड़ की आबादी का उद्धार करने का काम करेगा।

उन्होंने सरकार के काम और वादों पर बोलते हुए कहा कि 2019 में 400 वादे कर जनता का वोट पाने वाली इस सरकार ने अभी तक अपने 4 वादे भी पूरे नहीं किए है। डुमरी में जेएमएम के 19वर्षों के शासन का चरित्र कैसा था यात्रा के माध्यम से देखने का काम किया जा रहा है।

इस दौरान उपस्थित जनसमूह से पूछते हुए उन्होंने कहा कि 23 अगस्त से मेरी डुमरी के पंचायतों की यात्रा चल रही है। सरकार ने आपसे वादा किया था कि हर साल 5 लाख युवाओं को रोजगार, पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, गाँव के हर चूल्हे को 1 साल तक 72 हजार रुपया चूल्हा खर्चा, गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की सहायता के लिए ₹4 लाख के क्रेडिट कार्ड, किसान स्कूल और छात्रावास की सुविधा का वादा किया गया था। यह आपके पंचायत को प्राप्त हुआ है क्या? आपके गाँव पंचायत से कितने परिवारों को 3 कमरे का मकान मिला है जिसमें पानी, बिजली के साथ शौचालय की सुविधा भी है। यह यात्रा इन्हीं झूठे वादों को देखने और उसके पहचान कराने की है।

इस मतदाताओं को वोट की अहमियत समझाते हुए श्री सुदेश महतो ने कहा कि लोकतंत्र का पोषक मतदाता होता है। हमारे वोट की ताकत से लोकतंत्र है। जनता को भ्रमित कर और झूठ बोलकर वोट लेने का तरीका सही है क्या? अगर आपने झूठ और सही के बीच अंतर को नहीं पहचाना तो फिर यही लोग 2024 में आकर आपसे यह वादा करेंगे की हर परिवार को हम रांची और बोकारो में फ्लैट देने वाले हैं। इस प्रकार के झूठे वादे करने वाली राजनीति को परंपरा नहीं बनने दें।

हेमंत सोरेन पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति कोई खेल नहीं है। यह बाप बेटे का खेल नहीं किसी राजा का राज नहीं है। राजनीति नेतृत्व और त्याग का काम है। हेमंत सोरेन ने राजनीति को खेल बना दिया है और इस प्रकार की राजनीति से उन्हें बेदखल करने के लिए सुदेश महतो आपके बीच आया है। 8 सितंबर को आपके प्रयास से यह खेल बंद कर देना है। अब यह परंपरा बंद होनी चाहिए कि कोई भी राजा प्रजा के बीच खड़ा होकर कोई भी झूठ बोलकर चला जाय। इस प्रकार की मान्यताओं को प्रश्रय देने से हमारे संस्कार समाप्त हो जायेंगे। अगर हम अपने बच्चों को गलत रास्ते पर जाने से रोकते है, झूठ बोलने से मना कर सकते हैं तो सरकार को इस प्रकार के आचरण करने का अधिकार किसने दिया। अगर लोकतंत्र ने उनको यह अधिकार दिया है तो यह एक मौका है जिससे आप 5 सितंबर को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए इसे समाप्त कर सकते हैं। ऐसे लोगों को और ऐसी झूठी सरकार को बेदखल कर देना ही उपाय रह गया है। डूमरी से झामुमो का जाना तय है। हम आ रहें है हेमंत जा रहे हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा पर प्रहार करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि 1972 में बिनोद बाबू ने झारखंड प्रदेश को लेकर एक सपना देखा था। उनका कहना था पढ़ो और संघर्ष करो। वह शिक्षा के महत्व को समझते थे। लेकिन बिनोद बाबू के विचारों के उलट जेएमएम ने हमारे बच्चों के हाथों में किताब की जगह दारू की बोतल पकड़ाने का काम किया है। पूरी एक पीढ़ी को पीछे धकेलने और बर्बाद करने का काम यह पार्टी कर रही है। डमरी की जनता मस्त और झारखंड मुक्ती मोर्चा परास्त।

सुदेश महतो ने कहा कि झामुमो प्रचार के दौरान कहती फिर रही है कि अभी ब्रमभास्त्र बाकी है जेएमएम का यह ब्रमभास्त्र है दारू और मुर्गा है। 500 रुपए का पैकेट। आपको अपने गांव को अपने गाँव की संस्कृति को बिकने नहीं देना है। 12 हजार से ज्यादा लोग यहाँ से बाहर कमाने के लिए गए है। उन सब से अपील करनी है कि वे अपना मतदान जरूर करें । हमने एक वोट छूटे नहीं और एक वोट लूटे नहीं के जरिए मतदान का महत्व समझने का कार्य किया है।

अपने ऊपर हो रहे राजनीतिक हमलों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति विकास पर होनी चाहिए। राजनीति में विकास का चेहरा दिखना चाहिए। जेएमएम की राजनीति है गरीब का बेटा गरीब बना रहे और उसकी अगली पीढ़ी भी गरीबी में ही जीवन जिए। ये लोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक सब को लाल कार्ड धारी बनाकर रखना चाहते हैं।

सुदेश महतो ने कहा कि मै इस प्रकार की राजनीति को खारिज करता है जिसमें गरीब को केवल अनाज खाओ और जिंदा रहो की बात कही जाती है। में चाहता हूं गरीब का बेटा पढ़े और बड़ा आदमी बनकर नाम कमाए। कायलुग में भगवान देखना है तो गरीब के अंदर भगवान देखो और उसकी सेवा करो। मेरी राजनीति सेवा और विकास से जुड़ी हुई है। मेरे केंद्र में वही है।

राजनीतिक हमलों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति एक जिम्मेदारी का बोध कराने वाली होती है। राजनीति में गंभीरता, मर्यादा और शब्दों के चयन पर अंकुश जरूरी है। पूरी हेमंत सरकार जनता के भलाई के काम छोड़ कर डुमरी भ्रमण करने में लगी हई हैं। सरकार के हर मंच से सुदेश महतो को निशाना बनाया जा रहा है। जेएमएम पैसे की राजनीति करती है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विकास पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हेमंत बाबू को स्वयं सहायता समूह और सहकारी समितियों के जरिए मेरे ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए किए गए कार्यों को देखना और समझना चाहिए। गांव की अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण में इसका कितना बड़ा योगदान है यह वह कभी समझ नहीं पाएंगे। समितियों के जरिए गांव में गांव का बैंक स्थापित करने का काम किया गया है। यह बैंक गरीब की करुणा और जरूरत को समझते हुए लोन देना का काम करता है। महिलाओं को घर के चौखट से निकाल कर चलना सिखाया गया है। इससे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की ताकत बढ़ गई है। यह एक बड़ा बदलाव है।

वहीं अल्पसंखयक मतदाताओं से अपील करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि गुलामी की मानसिकता का त्याग करें और बेहतर प्रतिनिधि और सरकार के पक्ष में मतदान करें। उन्होंने कहा कि मैं राम रहीम में फर्क नहीं करता हूँ। एक धर्म में पांच विचार धाराएं होती है लेकिन सभी एक साथ रहते है। मेरे लिए राम रहीम बराबर हैं। मैं धर्म की राजनीती नहीं करता। गरीब के चेहरे को ही भगवान मानता हूं।

7 सितंबर को जन्माष्टमी है और 8 को चुनाव का परिणाम आने वाला है। इस बार डुमरी की सेवा यशोदा माता के हाथों में देने का काम करें।

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