झारखण्ड राँची राजनीति

भाजमो मनी पॉवर और मसल्स पॉवर का विरोध करने वाली पार्टीः धर्मेंद्र तिवारी

भारतीय जनतंत्र मोर्चा की आमसभा 23 को राँची में

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): भारतीय जनतंत्र मोर्चा 23 जुलाई को एक राज्यस्तरीय आम सभा करने जा रही है। यह आम सभा पूर्वाह्न 11 बजे से प्रारंभ होगी। इसमें राज्य भर के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भाजमो के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने यहाँ शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजमो दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण के विचारों को आत्मसात करती है और सेक्युलरिज्म, समाजवाद और विश्व बंधुत्व को तवज्जो देने वाली पार्टी है। भाजमो आर्थिक और राजनीतिक विकेंद्रीकरण की प्रबल पक्षधर है और मानती है कि आर्थिक और राजनीतिक ताकतें एक ही जगह न होकर सभी के पास हों। पार्टी मानती है कि महिलाओं, युवाओं, दलित, अल्पसंख्यकों, किसानों, श्रमिकों और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को विशेष वरीयता मिलनी ही चाहिए। पार्टी मानती है कि भारत लोकतांत्रिक रूप से खूब तरक्की करे और लोगों को समान रूप से मौके मिलें। पार्टी मनी पावर और मसल्स पावर का सदैव विरोध करती रही है और आगे भी करती रहेगी।

धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि अगले साल नवंबर-दिसंबर में झारखंड में विधानसभा चुनाव होना है। अगले ही साल मार्च से लेकर मई तक लोकसभा के चुनाव भी होने हैं। हम लोग इन मुद्दों पर भी आम सभा कर रहे हैं। विधानसभा और लोकसभा के चुनाव कैसे होंगे, इस पर हमारी विस्तृत और गहन चर्चा होनी है। इस आम सभा की अध्यक्षता पार्टी के संरक्षक सरयू राय करेंगे। चुनाव कैसे लड़ना है, किन सीटों पर लड़ना है, मुद्दे क्या होंगे, कौन चुनाव लड़ेगा, इन्हीं मुद्दों को लेकर कल हम लोग गंभीर चर्चा करेंगे। हमारी जैसी अनेक छोटी पार्टियां झारखंड में हैं। सभी का अपना महत्व है। छोटी-छोटी पार्टियों के दम पर ही आप देखें कि कैसे एनडीए में 38 पार्टियां हो गईं। हमलोग तो अभी शुरुआती दैर में हैं लेकिन हौसला बुलंद है।

धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि भाजमो की मान्यता है कि देश के हालात ठीक नहीं हैं। मणिपुर जैसी दुर्दांत घटनाएँ सभ्य समाज के मुँह पर कालिख पोतने का काम करती हैं। इससे आम आदमी खुद को बेहद लज्जित महसूस कर रहा है। हमलोग झारखंड की भी चर्चा करेंगे क्योंकि बीते 23 वर्षों में झारखंड को जहाँ पहुँचना चाहिए था, वहाँ नहीं पहुंच सका। आप लोगों ने देखा ही होगा कि कैसे वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अफसर विभिन्न मामलों में फंस रहे हैं। लोगों को जेल भी हो रही है। हम लोग झारखंड के नौजवानों के भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। हंड़िया और नशे की गिरफ्त में नौजवान भटक रहा है। टेट और नेट पास करने वालों को भी नौकरी नहीं मिल रही है। राज्य के हालात ठीक नहीं हैं। हमें लगता है कि सरकार को जिस रफ्तार से काम करना चाहिए था, उस रफ्तार से काम नहीं हो रहा है। इन मुद्दों पर भी 23 को हमलोग सविस्तार चर्चा करने वाले हैं।

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