नितीश मिश्र, राँची
राँची (खबर आजतक): झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने एक बयान जारी कर भारत सरकार से अपील की है कि वह झारखंड राज्य के निर्माता, सामाजिक न्याय के अप्रतिम योद्धा और दिशोम गुरु के नाम से समूचे आदिवासी समाज में पूज्य शिबू सोरेन को भारत रत्न देने पर गंभीरता से विचार करे। उन्होने कहा कि गुरूजी का जीवन संघर्षशील, प्रेरणादायी और जन-सरोकारों से ओतप्रोत रहा है।

शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे, बल्कि वे आदिवासी चेतना के वाहक, शोषित-वंचित वर्ग के सशक्त प्रवक्ता और सामाजिक क्रांति के प्रतीक थे। उन्होंने नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन खड़ा किया जिससे झारखंड के दूर-दराज़ गाँवों में चेतना फैली। शिक्षा के क्षेत्र में भी गुरूजी ने अनेक पहल की, ताकि आदिवासी समाज ज्ञान के माध्यम से सशक्त हो सके।
बिनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन से लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री व मुख्यमंत्री रहते हुए गुरूजी ने सदैव जनहित को प्राथमिकता दी। उनका जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा की मिसाल है। ऐसे महापुरूष को भारत रत्न से सम्मानित करना केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक और सामाजिक चेतना को भी गौरवान्वित करना होगा। केंद्र सरकार को इस पर अविलंब निर्णय लेना चाहिए।