रिपोर्ट : रंजन वर्मा
कसमार (ख़बर आजतक) : प्रकृति का महा परब सारहूल पूजन व महोत्सव कसमार प्रखंड के मंजूरा गांव आज होगी। 16 अप्रैल की सुबह सरना स्थल में जेहरा थान में नेइया जानकी महतो गुलिआर के द्वारा नेग नियम के अनुसार संपन्न होगा।
तदोपरांत शाम 7 बजे से मंजूरा के राजा थान के समीप रात भर भव्य कुड़मालि सरहुल गीत, झूमर व पांता नाच पर झूमेंगे ग्रामीण। कुड़मालि भाखि चारि आखड़ा मंजूरा व झरमूंगा चेंघि व आदिवासी कुड़मि समाज द्वारा आयोजित सरहुल महोत्सव में युवा शिल्पी राजदूत महतो तथा प्रसिद्ध लोक गायिका ममता महतो की अलग-अलग टीमें रात भर ग्रामीणों के बीच कुड़मालि सरहुल गीत, झूमर व पांता नाच प्रस्तुत करेंगे। वहीं समाज को मार्गदर्शन देने के लिए कुड़मि समाज के शोधकर्ता दीपक पुनअरिआर, सुरेश बनुआर द्वारा कुड़मि समाज का इतिहास, प्रथाएं व परंपराओं 12 मासे 13 परब व देवाभूताओं के बारे विस्तृत व्याखान देंगे।
अंनत कंडहरआर, शंकर हिंदइआर व संजय पुनअरिआर भी रहेंगे। आयोजक कमिटी की ओर से अंतिम तैयारी पूरी हो चुकी है। समुचा मंजूरा पीला झंडा से पट चुका है।
आयोजन कमिटी के सदस्य मिथिलेश महतो केटिआर, प्रवीण केसरिआर, भागीरथ बंसरिआर, सदानंद गुलिआर, जानकी गुलिआर, पियूष बंसरिआर, सहदेव झारखंडी, उमेश केसरिआर, अखिलेश केसरिआर, सुभाष हिंदइआर, बालेश्वर पुनरिआर, मुरली जालबानुआर, शांती गुलिआर , रंजीत गुलिआर, निरंजन केसरियार, उमेश जालबानुआर, मुकुंद केसरियार, विश्वनाथ केसरियार, राजकिशोर केसरियार, टुपकेश्वर केसरियार, कमल जालबानुआर , सुनील केसरिआर, संजय पुनरिआर, हीरालाल केसरियार, उमेश केसरियार, अखिलेश्वर केसरियार, अमरनाथ गुलिआर, ज्ञानी गुलिआर, दशरथ गुलिआर, प्रकाश केसरियार, भागीरथ केसरियार, कुलेश्वर केसरियार, रामबृक्ष केसरियार, रामानंद महतो, बहादुर केसरियार, दिलीप केसरियार, सुदेश केटिआर आदि तमाम ग्रामीण शामिल हैं।