झारखण्ड राँची

माईंस मिनरल उप समिति की बैठक संपन्न, बोले नितेश शारदा “खनन विभाग का पत्थर ऑक्शन पूर्ण रुप से विफल”

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): चैंबर भवन में माईंस एंड मिनरल उप समिति की बैठक शनिवार को संपन्न हुई। इस बैठक में बालू घाटों के आवंटन की प्रक्रिया में जेएसएमडीसी पूरी तरह विफल है। एनजीटी की प्रभावी रोक हटने के बाद भी प्रदेश में बालू आपूर्ति की समस्या बनी हुई है जिस कारण रियल एस्टेट कारोबार के साथ ही इससे जुड़े व्यापार एवं श्रमिकों की आजीविका प्रभावित हो रही है। इस बैठक में उपस्थित व्यापारियों ने कही और इस मामले में झारखण्ड चैंबर से हस्तक्षेप का आग्रह किया। यह कहा गया कि जेएसएमडीसी की उदासीन कार्यप्रणाली से 654 बालू घाट में से केवल 22 घाटों की नीलामी हो सकी है जिस कारण विकास के कार्य बाधित हो रहे हैं। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने इस मामले में विभागीय अधिकारियों से जल्द वार्ता के लिए आश्वस्त किया।

इस बैठक में पाकुड, लोहरदगा, गुमला, जमशेदपुर, बोकारो, पलामू, ओरमांझी, टाटीसिलवे, चाईबासा, अनगडा, चुटुपाली के क्रशर व्यवसायियों के अलावा, रांची माईंस क्रशर एसोसियेशन, बालू ट्रक एसोसियेशन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। खनन पट्टे से 5 कि0मी0 की दूरी के अंदर ही क्रशर का संचालन करने के झारखण्ड पॉल्यूशन बोर्ड के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए क्रशर संचालकों ने इस निर्णय को अतर्कपूर्ण बताते हुए इस निर्णय को शिथिल करने की माँग की। यह भी कहा गया कि अन्य प्रदेशों की तुलना में झारखण्ड में लघु खनिज पर दोगुना रॉयल्टी खनन विभाग द्वारा ली जाती है जो अनुचित है। पत्थर खनिज ढुलाई वाले वाहन पर आरसीडी के रुप में ₹1200 करके टोल टैक्स लगाने पर भी क्रशर संचालकों ने नाराजगी जताई और कहा कि हमसे पहले से ही डीएमएफटी के रुप में भारी भरकम टैक्स लिया जाता है जिसका करोड़ों रु0 जिलों में पडा हुआ है। उसके बाद भी यह टोल टैक्स गलत है।

स्टेट लेवल एन्वायरनमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ऑथोरिटी की अवधि 2 नवंबर को समाप्त होने पर भी माईंस ऑनर ने चिंता जताई और कहा कि इससे पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने में कठिनाई होगी। अतः इसका पुनर्गठन जल्द किया जाना चाहिए। माईंस एंड मिनरल उप समिति के चेयरमेन नितेश शारदा ने कहा कि खनन विभाग का पत्थर ऑक्शन पूरी तरह विफल है। जब तक पत्थर खदान के ऑक्शन की प्रक्रिया में सुधार नहीं होता तब तक पुराने लीज को सुचारू ढंग से चलने दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पडोसी राज्यों की तर्ज पर झारखण्ड में भी पुराने पत्थर खदान के लीज को 30 वर्षों तक एक्सटेंशन दिया जाना चाहिए। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।

माईंस संचालकों की समस्या को वास्तविक समझते हुए चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने सभी मामलों के समाधान में कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। यह भी कहा कि राज्य में बंद पडी खदानों को खोलने का हमारा प्रयास नियमित रूप से जारी है जिसके दूरगामी परिणाम आयेंगे। चैंबर उपाध्यक्ष राहुल साबू ने कहा कि एनजीटी के इस्टर्न जोन का सर्किट बेंच झारखण्ड में स्थापित हो, इस हेतु चैंबर द्वारा कार्रवाई की जाएगी।

वहीं महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव अमित शर्मा और शैलेष अग्रवाल ने संयुक्त रूप से क्रशर व्यवसायियों की समस्याओं को उपयुक्त बताते हुए सरकार से संज्ञान लेने का अनुरोध किया।

इस बैठक में चैंबर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव अमित शर्मा, शैलेष अग्रवाल, माइंस मिनरल उप समिति के चेयरमेन नितेश शारदा, लॉ एंड ऑर्डर उप समिति चेयरमेन राम बांगड, बालू ट्रक एसोसियेशन के अध्यक्ष दिलीप साहू, मोईन अख्तर, क्रशर व्यवसायी मुन्ना सिंह, डॉ निरज सिंह, डॉ अनल सिन्हा, प्रदीप सेन, राजेश रंजन, विश्वजीत शाहदेव, विक्रम कुमार, उदयशंकर कंवर, बंशी जयसवाल, अमित लांबा, शंभू मंडल, विजय शंकर, मनोज मिश्रा, सोनू सिंह, कुशल सोंथालिया, लाकिशोर महतो, मनोज सिंघानिया, अजय सिंह, प्रभात सिंह, रंजन कुमार, किशन अग्रवाल, रामधन बेदी, मोहन जैन, नटवर लाल साबू, अभिेषेक नेमानी, रमेष राज, कुंदन हरि, संजय साहू, विक्रांत सिंह, हरप्रीत सिंह, रामाषीश सिंह, सतीष तिवारी, अनुराग सिंह के अलावा कई क्रशर और बालू व्यवसायी उपस्थित थे।

इस बैठक का संचालन मोइन अख्तर ने किया।

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