विधायक कमलेश कुमार ने अनुसूचित जाति आरक्षण शून्य करने का मामला विधानसभा में उठाया
रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची/हुसैनाबाद(खबर_आजतक): पलामू जिला में चौकीदार की सीधी भर्ती में अनुसूचित जाति को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने पर हुसैनाबाद विधायक कमलेश कुमार सिंह ने विधानसभा में सोमवार को आवाज बुलंद की। वह लगातार इस मामले को लेकर आवाज उठाने का काम कर रहे हैं। मालूम हो कि पलामू जिले में चौकीदार के पदों पर सीधी भर्ती के लिए उपायुक्त द्वारा विज्ञापन संख्या 01/2024, 02 जुलाई 2024 प्रकाशित किया है, जिसमें चौकीदार के 156 पदों की भर्ती की जानी है। इस विज्ञापन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को शून्य कर देने पर विवाद उत्पन्न हो गया है। इस मामले को लेकर सोमवार को हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह द्वारा विधानसभा में पूछे गए अल्पसूचित प्रश्न संख्या – 26 के उत्तर में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति स्पष्ट की है।
पलामू जिले में उपायुक्त के द्वारा चौकीदार के 156 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। आयुक्त, पलामू प्रमण्डल के द्वारा आरक्षण रोस्टर शोधन कोटिवार अनुमोदित किया गया है जिसके अनुसार पलामू जिला में चौकीदार संवर्ग का कुल स्वीकृत पद-443 है, जिसके विरूद्ध कार्यरत बल-281 है तथा रिक्त पद 162 है, जिनमें अनुसूचित जाति श्रेणी अन्तर्गत कुल स्वीकृत पद 120 के विरूद्ध वर्तमान में 120 चौकीदार कार्यरत हैं। इसलिए अनुसूचित जाति के लिए कोई रिक्त पद नहीं है। जिस कारण प्रकाशित विज्ञापन में अनुसूचित जाति श्रेणी के लिए रिक्त पद की संख्या शून्य है।
विधायक कमलेश सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में विभाग ने कहा है कि बंगाल चौकीदार अधिनियम-1870 के तहत ब्रिटिश काल से अनुसूचित जाति के दुसाध उपजाति के लोगों को ही चौकीदार बहाल किया जाता था। किन्तु वर्तमान में झारखण्ड चौकीदारी संवर्ग नियमावली 2015 और 2019 के अनुसार चौकीदार की भर्ती, सेवा शर्तों और प्रोन्नति को विनियमित किया जाता है। इसके अलावे 1991 के बिहार सरकार के निर्देश के अनुसार, वे व्यक्ति जो 1990 के पूर्व से एवज में चौकीदार के रूप में काम कर रहे थे, उन्हें अनुकम्पा के आधार पर सेवा में नियमित किया गया था। एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा गया कि सरकार ने खंड-1 में वर्णित चौकीदार बहाली हेतू प्रकाशित विज्ञापन को रद्द करने और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण रोस्टर के अनुसार रिक्ति के विरुद्ध आरक्षण सुनिश्चित कर पुनः विज्ञापन प्रकाशित करने की योजना पर विचार नहीं किया है।