नितीश_मिश्र
राँची/गढ़वा(खबर_आजतक): पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद तथा युवा कार्य विभाग के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बुधवार को गढ़वा समाहरणालय भवन में पेयजल एंव स्वच्छता विभाग की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक की। यह बैठक ₹50 करोड़ से अधिक की राशि वाली योजनाओं की थी। इस समीक्षा बैठक का मुख्य बिन्दु MVS (बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना), SVS (एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना) के त्वरित क्रियान्वयन पर रहा। ताकि जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024 के अंत तक 62.50 लाख घरों को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। इसलिए तीव्र गति से योजनाओं को पूर्ण कराना अतिआवश्यक है।
वहीं मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि अभियंतागण और संवेदक पारदर्शी तरीके से काम करें साथ ही अभियंतागण संवेदकों से समन्वय बनाकर ससमय योजनाओं को पूर्ण कराएँ।
इस समीक्षा बैठक में मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा विशेषकर FHTC के लक्ष्य को प्राप्त करने पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन जलापूर्ति योजनाओं का अनुश्रवण कराना, संवेदक द्वारा ससमय कार्य पूर्ण कराना, युद्ध स्तर पर चापाकलों की मरम्मती कराना एवं सड़े राईजर पाईप को बदलकर बंद पड़े चापाकलों को चालू कराने आदि संबंधी विषयों पर बैठक कर अधिकारियों एंव अभियंताओं आवश्यक निर्देश दिए।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 62.50 घरों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के महत्ती लक्ष्य को प्राप्त करने हेतू राज्य के अभियंतागण, संवेदकगण, सभी स्तर के पदाधिकारी तत्पर एवं कटिबद्ध होकर कार्य करें।
उन्होंने समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि निर्माणाधीन ग्रामीण जलापूर्ति योजना में रेलवे/वन विभाग/एनएचएआई/पथ निर्माण विभाग के एनओसी के अभाव में हो रहे लंबित कार्यों को अविलंब एनओसी लेकर कार्य को क्रियान्वयन कराया जाए। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता संबंधित विभाग से संपर्क स्थापित कर तुरंत एनओसी प्राप्त करें। मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि बहुत सी योजना पूर्ण हने के उपरांत भी विद्युत कनेक्शन के अभाव में चालू नहीं हो पा रही है, वैसी योजनाओं के लिए ससमय विद्युत कनेक्शन हेतू आवेदन एवं आवश्यक राशि अविलंब जमा कराकर योजना को चालू कराएँ।
इस राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में पेयजल एंव स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव, अपर सचिव, विशेष सचिव, अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता सहित संबंधित योजनाओं के संवेदकगण उपिस्थत थे।