रांची (ख़बर आजतक): झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके द्वारा दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सीएम हेमंत की क्रिमिनल रिट याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट हाईब्रिड मोड में हुई सुनवाई हुई। उसके बाद उनकी याचिका खारिज कर दी गया। बता दें, सीएम हेमंत सोरेन का पक्ष रखने के लिए देख के दिग्गज धिवक्ता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और अधिवक्ता पियूष चित्रेश कोर्ट में उपस्थित थे। वहीं, ED की ओर से ASG (एडिशनल सॉलिसिटर जनरल) एसवी राजू ने बहस की। दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने सीएम हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच में हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई।
बता दें, इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की क्रिमिनल रिट याचिका पर 11 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। हाई कोर्ट की पिछली सुनवाई में याचिका में त्रुटि दूर करने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि सीएम हेमंत ने हाईकोर्ट में ईडी के बार-बार जारी किये जा रहे समन को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई होगी। सीएम ने पीएमएलए एक्ट 2002 की धारा 50, 63 की वैधता को चुनौती दी है। कि सीएम हेमंत ने इससे पहले ईडी के समन के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी, उसे कोर्ट ने खारिज कर हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था। सीएम ने जमीन घोटाला के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जो रिट याचिका दायर की थी कि उसमें उन्होंने कहा था कि ईडी के द्वारा उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है। सीएम की ओर से दायर रिट याचिका में ईडी पर दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया था। जबकि वह अपना पक्ष रख चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की रिट याचिका खारिज करते हुए उन्हें हाई कोर्ट में अपनी बात रखने की सलाह दी थी। ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ क्रिमिनल रिट पिटीशन और इंटरलॉक्यूटरी एप्लीकेशन दायर किया था।
सीएम हेमंत को ईडी जारी कर चुका है 5 समन
गौरतलब है कि ईडी ने हेमंत सोरेन को पांच बार समन जारी किया है। जमीन घोटाला मामले में ईडी ने सीएम को 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितम्बर और 4 अक्टूबर पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया था। लेकिन सीएम हेमंत एक बार भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे।