महिला वर्ग से पूनम देवी, पुरुष वर्ग से संजय कुमार सिंह व वरिष्ठ नागरिक से नीलकंठ झा बनें प्रथम विजेता
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखण्ड राज्य दुग्ध उत्पादक सहकारी महासंघ (जे.एम.एफ.) जो मेधा ब्रांड के नाम से प्रख्यात है द्वारा मंगलवार को मेधा डेयरी प्लांट में “मेधा दही खाओ – ईनाम पाओ” प्रतियोगिता का आयोजन किया गया |
इस प्रतियोगिता के अंतर्गत 190 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और तीन मिनट में दही खाकर तीन वर्गों (महिला, पुरुष एवं वरिष्ठ नागरिक) में पुरस्कार प्राप्त किए। इस दौरान पुरस्कार पाने वालों के नाम इस प्रकार से हैं : महिला वर्ग:
प्रथम – दही साम्राज्ञी ‐ पूनम देवी (बूटी मोड़)
द्वितीय ‐ दही श्रीमति ‐ मंजूसा देवी (कोकर)
तृतीय – दही वीरा ‐ प्रमिला देवी (टाटीसिलवे)
पुरुष वर्ग:
प्रथम – दही सम्राट ‐ संजय कुमार सिंह (JAP महिला बटालियन)
दितीय – दही श्रीमान ‐ विनय सिंह (बूटीमोड़)
तृतीय – दही वीर ‐ मनोज कुमार मिश्रा (खादगाढ़ा)
वरिष्ठ नागरिक:
प्रथम – दही भूषण ‐ नीलकंठ झा (करमटोली)
द्वितीय – दही महाराज ‐ बी. के. सिंह (नामकुम)
तृतीय – दही शौर्य ‐ कैलाश राम (एच.बी. रोड)
महिला वर्ग की प्रथम विजेता पूनम देवी
ने 1.80 किग्रा दही, पुरुष वर्ग में प्रथम विजेता संजय कुमार सिंह 2.92 किग्रा दही व वरिष्ठ नागरिक वर्ग में प्रथम विजेता नीलकंठ झा 2.52 किग्रा दही का सेवन किया।
इस अवसर पर मेधा डेयरी के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह, महाप्रबंधक पवन कुमार मारवाह एवं जयदेव विश्वास विपणन प्रमुख, अमृतेश कुमार आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज अस्पताल को विशेष रुप से धन्यवाद जो इस कार्यक्रम में अस्पताल पार्टनर रहे।
इस दौरान प्रतिभागियों से उनके अनुभव लेते हुए बातचीत में उनके द्वारा यह बताया गया कि पूर्व की तरह इस साल भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अच्छा महसूस हुआ। यह प्रतियोगिता खुद में खुद में अच्छी प्रतियोगिता है। इस अवसर पर जेएमएफ के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पुराने समय में गोनू झा की कहानी मशहूर थी कि पेट भरने के बाद भी वह कई किलो दही व मिठाई खा जाता था जिसके कारण अभी 1किलो, 5 किलो व 15 किलो के दही बकेट इस मकर संक्रांति पर काफी पसंद किया गया तथा इस प्रतियोगिता का उद्देश्य ग्राहकों में सहकारी डेयरियों द्वारा प्रदान किए जा रहे स्वच्छ एवं सेहतमंद उत्पादों का सर्वाधिक मात्रा में उपयोग करने हेतू जागरुकता फैलाना है।
मेधा दही विदेश से मंगाए गए उच्च गुणवत्ता पूर्ण कल्चर से जमाया जाता है। मेधा दही संक्रामण रहित है और इसे हर रोज खाने से शरीर स्वस्थ्य रहता है।
मेधा डेयरी, झारखण्ड सरकार से संबद्ध एक मात्र दूध उत्पादकों की सहकारी संस्था है और राज्य के सभी शहरों व कस्बों में अपने दूध एवं दुग्ध जन्य पदार्थों का विपणन कर रही है। मेधा डेयरी झारखण्ड राज्य के ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों से शहरी उपभोक्ताओं के बीच एक कड़ी का कार्य करती है, जो इन डेयरी किसानों को अजीविका का स्त्रोत उपलब्ध करा रही है।