बोकारो

मैं जिंदा हूं… का सबूत लेकर घूम रहे बुजुर्ग की दर्द भरी दास्तां, सरकारी सिस्टम ने मृत दिखा बंद किया पेंशन

रिपोर्ट : प्रशांत अम्बष्ठ
गोमिया (ख़बर आजतक) : गोमिया प्रखण्ड अंतर्गत हजारी पंचायत स्थित खुदगड़ा गाँव से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रही है। समाज कल्याण विभाग ने उसे मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी गई है। उसे मृत घोषित किसने किया इसका जबाव भी विभाग के पास नहीं।
मैं जिंदा हूं… का सबूत लेकर घूम रहे बुजुर्ग की दर्द भरी दास्तां, सरकारी सिस्टम ने मृत दिखा बंद की पेंशन
बोकारो जिला के गोमिया में समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डिजिटल के युग में जब आधार कार्ड, फैमिली आइडी, बैंक खाता लिंक हैं। बावजूद इसके एक 62वर्षीय बुजुर्ग महिला को अधिकारियों ने मृत घोषित कर दिया है। अपने हक की पैंशन के लिए अब अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगानी पड़ रही है।
पीड़ित जब भी समाज कल्याण विभाग कार्यालय में जानकारी लेने जाती है तो अधिकारी उसे मुर्दा बताकर भगा देते हैं। इससे एक ओर जहां अपने घर और गांव में मजाक का पात्र बन रही हैं, वहीं अपने आपको जीवित साबित करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
मृत घोषित करने वाला अधिकारी का पता नहीं
खाते में जब बुजुर्ग की पैंशन नहीं आई तो कार्यालय में उन्हें अपने साथ हुए इस सरकारी मजाक की जानकारी मिली। अब उन्हें मृत किसने और क्यों घोषित किया यह न तो अधिकारी बता रहे हैं ,और न ही गांव के जिम्मेदार। अधिकारी केवल उनकी शिकायत बोकारो जिला भेजने की बात कहकर इंतजार करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन इंतजार के चक्कर में इनका गुजारा कैसे होगा इसके बारे में कोई समाधान नहीं निकल रहा।
ग्राम खुदगड्डा, पंचायत हजारी, प्रखण्ड गोमिय 62वर्षीय सुमित्रा देवी को विभाग ने 8 सितम्बर 2021को मृत घोषित कर उनकी बुढापा पैंशन बंद कर दी थी। बुजुर्ग सुमित्रा देवी का कहना है कि झरखण्ड सरकार की समाजिक सुरक्षा पेंशन आईडी नम्बर – के तहत पैंशन का लाभ ले रही हूं लेकिन दिसम्बर2021 से पैंशन बैंक खाते में नहीं आ पाई। जानकारी हासिल करने पर मालूम पड़ा कि दिसम्बर 2021को मृत घोषित कर दिया गया है। पीड़ित के अनुसार तब से जिंदा होने का प्रमाण साबित करने के लिए भटक रही

सुमित्रा देवी ने बताया कि पैंशन विभाग अब जिंदा होने का सबूत मांग रहा है। जिसके लिए वह दर-दर की ठोकरे खा रही है। उनका कहना है कि अगर किसी भी अधिकारी के पास अपना जिंदा होने का सबूत मांगने जाती हूं तो वह भी मुझे क्यों मजाक कर रहा है बात कहकर वापिस भेज देता है। गोमिया प्रखंड कार्यालय में पहले भी इस तरह की एक घटना होसिर जनता दरबार में आ चुका है, एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया गया था, इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी कपिल कुमार ने बताया कि इस तरह का कुछ एक मामला बीएलओ द्वारा गलत सूचना इकट्ठा किए जाने पर हुई है, जबकि पेंशन से नाम हटाने के लिए मृत व्यक्ति या महिला के परिजनो से सत्यापित कर जचोपरांत नाम हटना है, फिर भी अभी मामला मेरे संज्ञान में आया है लाभुक का पेंशन स्कीम जल्द शुरू हो इसके लिए प्रयास करूंगा।

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