संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है कविता : दीपक सवाल
रिपोर्ट : रंजन वर्मा
कसमार (ख़बर आजतक) : बोकारो के श्यामपुर में रविवार को आयोजित एक समारोह में बोकारो के युवा कवि अशोक पारस की कविता संग्रह ‘प्रेमनामा’ का लोकार्पण हुआ. विशिष्ट अतिथि पत्रकार व लेखक दीपक सवाल, गोस्वामी समाज के राज्य अध्यक्ष सीएन गोस्वामी, जिलाध्यक्ष पूर्णेन्दु गोस्वामी, प्रयागचंद्र गोस्वामी, सुनील कुमार पांडेय आदि अतिथियों ने पुस्तक का लोकार्पण किया.
कार्यक्रम का उदघाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दीपक सवाल ने कहा कि संवेदना और भाव सभी के मन में होते हैं, लेकिन उसे अभिव्यक्त करने के तरीक़े अलग-अलग होते हैं. कोई चित्र व कार्टून से, कोई कथा-कहानी से तो कोई अपने आलेखों से अभियक्त करते हैं. उसी में कविता भी मनुष्य की संवेदनाओं और भावों को अभिव्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है. अशोक पारस ने भी अपनी संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए कविता का माध्यम चुना और यह पुस्तक उनकी अभिव्यक्ति की सफलता का एक प्रतीक है. उन्होंने कहा कि मन के कुछ कथ्य और विचार जब भाव और कल्पना के सूक्ष्म एवं तरल धरातल पर उगते हैं तो काव्य सृजित होते हैं. कवि बना अथवा बनाया नहीं जाता, बल्कि यह एक स्वाभाविक मानवीय गुण है. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने भी यही कहा है कि ‘कविता अभ्यास से नहीं आती. जिसमें कविता करने का स्वाभाविक गुण होता है, वही कविता कर सकता है. उन्होंने कहा कि अशोक पारस भी काव्य संसार से जुड़े एक ऐसे ही कवि हैं. इनमें काव्य सर्जन की स्वाभाविक विशेषताएं भरी पड़ी है. सीएम गोस्वामी ने कहा कि इस पुस्तक के रूप में लेखक ने काव्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण लकीर खींच दी है. प्रयागचंद्र ने कहा कि बोकारो में अब काव्य क्षेत्र में जब भी चर्चा होगी, निश्चित रूप से उसमें अब अशोक पारस का नाम भी लिया जाएगा. यह गोस्वामी समाज के लिए भी एक उपलब्धि है. सुनील पांडेय ने कहा कि अशोक पारस में काव्य सृजन का स्वाभाविक विशेषता है. इनकी कविताएं सोशल मीडिया में भी छायी रहती है.
कार्यक्रम में नरसिंह गोस्वामी, डॉ पूर्णेन्दु गोस्वामी, हरेकनाथ गोस्वामी, सरयू प्रसाद गोस्वामी, संपूर्ण चंद्र लायक, मुकेश गोस्वामी, चित्रकार श्याम केवट, दशरथ गोस्वामी, खोरठा साहित्यकार गिरिधारी गोस्वामी ‘आकाशखूंटी, शंकर गोस्वामी, दीपक गोस्वामी, दिनेश चंद्र महतो, वासुदेव गोस्वामी, देवीलाल गोस्वामी, अबोध गोस्वामी आदि मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन कवि कामेश गोस्वामी व धन्यवाद ज्ञापन पुस्तक के लेखक अशोक पारस ने किया.