नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): इक्फ़ाई विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह शनिवार को आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और मुख्य अतिथि थे। वहीं अतिथि सम्मान जस्टिस रोंगन मुखोपाध्याय, सिटिंग जज, झारखंड उच्च न्यायालय और प्रभारी न्यायाधीश, नेशनल यूनिवर्सिटी फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च इन लॉ, राँची थे। 2022 में स्नातक करने वाले 139 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई जिसमें 7 पीएचडी डिग्री शामिल हैं। इसके अलावा, 9 स्वर्ण पदक और 9 रजत पदक विभिन्न कार्यक्रमों के क्रमशः शीर्ष रैंक और दूसरे रैंकर्स को प्रदान किए गए।
इस दौरान दीक्षांत समारोह में दर्शकों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ओआरएस राव ने कहा कि “कोविड_19 महामारी के बावजूद हमारे विश्वविद्यालय ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी स्नातक छात्रों को हमारे डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, स्वाध्याय का उपयोग करके बिना किसी रुकावट के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। हमें खुशी है कि 100% योग्य स्नातक छात्रों का प्लेसमेंट हो गया। हमें खुशी है कि हमारे पूर्व छात्रों ने भारत और विदेशों में यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी अपनी पहचान बनाई है। उनमें से कई प्रतिष्ठित संगठनों जैसे एक्सेंचर, एशियन पेंट्स, अमेज़ॅन, गूगल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईबीएम, आईटीसी, टीसीएस, विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आदि में काम कर रहे हैं। कुछ पूर्व छात्र आईआईटी, आईआईएम, जैसे प्रमुख संस्थानों में उच्च अध्ययन के लिए गए हैं। एनआईटी, आईबीएस, केंद्रीय विश्वविद्यालय आदि।”
वहीं प्रो ओआर एस राव ने कहा कि “हमारे पूर्व छात्रों में से लगभग 11% उद्यमी बन गए और “नौकरी चाहने वालों” के बजाए “नौकरी देने वाले” बन गए और झारखण्ड के विभिन्न जिलों में स्कूली शिक्षा, कृषि-व्यवसाय (जैसे मशरुम की खेती), इवेंट मैनेजमेंट, होटल, वित्तीय सेवाएँ, रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में अपना व्यवसाय स्थापित किया है।
इसी क्रम में स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ टी आर के राव ने उन्हें उद्योग में कुछ समय के लिए काम करने के बाद भी सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और उद्यमी बनने की इच्छा रखने की सलाह दी। उन्होंने उन्हें समाज को वापस देने के लिए भी प्रेरित किया।
इस दौरान न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय ने अपने स्वयं के अनुभव को बताते हुए छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें सलाह दी कि धैर्य, दृढ़ता और जुनून सफलता की कुँजी है।
इस दौरान श्रोताओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि झारखंड के अधिवासित छात्रों को शुल्क में रियायत देने के लिए विश्वविद्यालय की पहल की सराहना की ताकि वे स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें और यह भी कहा कि 77% छात्र इससे लाभान्वित हुए। उन्होंने युनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स, यूके में अध्ययन करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय की छात्रा संगीता कच्छप को भी बधाई दी। उन्होंने विश्वविद्यालय को अच्छा काम जारी रखने और झारखंड के सभी निजी विश्वविद्यालयों के लिए एक रोल मॉडल बनने की सलाह दी।
इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो अरविंद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।