नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने सम्मेद शिखर को लेकर अपने बयान में कहा है कि सरकार हो या राजनीतिक दल जैन समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर समाधान करने की दिशा में प्रयास होना चाहिए और इस संदर्भ झारखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने जैन समुदाय को विश्वास भी दिलाया है। वैसे यह बात सर्व विदित है कि पर्यटन स्थल विकसित करने का फैसला किसने लिया और गजट किसने प्रकाशित किया लेकिन अभी यह वक्त नहीं है कि हम एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करें।
कांग्रेस नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सम्मेद शिखर पारसनाथ तीर्थ स्थल सदियों से जैन धर्म के अनुयायियों का पवित्र स्थल रहा है। झारखण्ड के लिए यह सौभाग्य की बात है कि विश्व भर के श्रद्धालु यहाँ आते हैं और शीश झुकाकर खुद को धन्य समझते हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार को मिलकर समस्या के समाधान की दिशा में गंभीर प्रयास करना चाहिए और जैन समुदाय को विश्वास में लेकर आन्दोलन भी समाप्त कराना चाहिए।
कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि जैन समाज अहिंसा परमो धर्म: के मार्ग पर चलने में विश्वास करता है। यह बात सही है कि पर्यटन स्थल बनने से कई प्रकार की बुराईयों के पनपने का जैन समाज की शंका बहुत हद तक सही है। इसलिए सम्मेद शिखर पारसनाथ तीर्थ स्थल को जैन समुदाय की इच्छाओं के अनुरुप ही रहने दिया जाए।
कांग्रेस नेता डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि अनंत काल से ही पारसनाथ मधुबन जैन धर्म का सबसे बड़ा केंद्र रहा है, उनके सभी भगवान यहीं से गए हैं। जैन समाज का यह माँग कि तीर्थराज को सरकार संरक्षित करें और सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल के रुप में ही रहने दिया जाए, पर्यटन स्थल किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं होगा।