नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): मारवाड़ी महाविद्यालय में मंगलवार को सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें रिमोट सेंसिंग और इसके उपयोग के बारे में चर्चा की गई। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता डॉ अंजूम महताब थीं। वहीं डॉ महताब नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद में वैज्ञानिक हैं। इस सेमिनार में उन्होंने रिमोट सेंसिंग के उपयोग और उससे होने वाले सामाजिक लाभ के बारे में चर्चा की और रिमोट सेंसिंग के क्षेत्र में कैरियर के अवसरों के बारे में विद्यार्थीयों को विस्तृत रुप से अवगत कराया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय से आमंत्रित वक्ता डॉ अभय कृष्ण सिंह ने शहरी नियोजन में रिमोट सेंसिंग के उपयोग के बारे में चर्चा की। भूगोल विषय में रिमोट सेंसिंग के बढ़ते महत्व के बारे में विद्यार्थियों को बतलाया।
वहीं मारवाड़ी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने दूर संवेदी प्रणाली के सिद्धांत को बताते हुए भारत में रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट के बारे में चर्चा की और सेटेलाइट के प्रकारो पर प्रकाश डाला। विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन मारवाड़ी कॉलेज के आइक्यूसी सह भूगोल विभाग एवं भौतिक विभाग ने संयुक्त रुप से किया था। इस सेमिनार में राँची के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र छात्रा शामिल हुए थे।
इस दौरान मंच संचालन डॉ तनुश्री दत्ता के द्वारा किया गया वहीं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर इंचार्ज डॉ आर आर शर्मा ने किया।
इस कार्यक्रम में शिक्षक डॉ महेश्वर शारगी, प्रो संतोष रजवार, डॉ तमन्ना सिंह, डॉ अनुजा विवेक, डॉ राहुल कुमार, समीर निरंजन, मोहम्मद कफीलउद्दीन, अनुभव चक्रवर्ती के साथ-साथ फिरोज की सराहनीय भूमिका रही।