झारखण्ड राँची

राँची में निर्माणाधीन ड्रीम हाउस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा गिरा, प्रभावित लाभुकों ने नगर निगम कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना लाइट हाउस प्रोजेक्ट जिसके तहत गरीब परिवारों को कम पैसे में रहने के लिए नगर निगम क्षेत्र में आशियाना उपलब्ध कराने कि केंद्र सरकार की योजना है, उसके राँची प्रोजेक्ट के निर्माणाधीन भवन खंड एफ का एक बड़ा हिस्सा विगत 10 जुलाई को मध्यरात्रि अचानक धराशाई हो गया

इस घटना के दौरान एक भीषण आवाज हुई जिसको सुनने के पश्चात आसपास रह रहे लाभुकों ने प्रोजेक्ट स्थल तक पहुँचने का प्रयास किया जिसे वहाँ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया और उन्हें अंदर प्रविष्ट नहीं होने दिया। इस दौरान लाभुकों का कहना है कि इस निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में इस्तेमाल की जाने वाली निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह है और वह तय मानकों के अनुसार नहीं है।

इस दौरान भवन के हिस्से के धराशाई होने के बाद लाभुकों के मन में इस बात की प्रबल आशंका है कि आने वाले वक्त में इस प्रोजेक्ट में रहने वाले गरीब परिवार किसी भी प्रकार की अनहोनी का शिकार हो सकते हैं।

इस मुद्दे पर सैकड़ों लाभुक इकट्ठा हुए और उन्होंने शुक्रवार को स्थानीय नगर निगम कार्यालय के सामने एक सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस दौरान लाभुकों के द्वारा इस प्रोजेक्ट के गुणवत्ता की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और इसमें बेहतर सामग्री का प्रयोग करते हुए निर्माण कराने अन्यथा इस प्रोजेक्ट को तत्काल बंद कर देने की माँग को लेकर एक ज्ञापन नगर आयुक्त को सौंपा गया और एक – दो दिनों के अंदर उपायुक्त राँची को भी ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम है।

इस दौरान लाभुकों का कहना है कि जब तक उन्हें इस निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के समाप्त होने के बाद उनका मकान नहीं मिल जाता तब तक बैंकों से लिए गए उनके कर्ज पर सरकार ऋण माफ करवाएँ।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं लाभुक समिति के अध्यक्ष सुधीर तिवारी ने बताया कि कई ऐसे लोग भी हैं जिनका वर्तमान समय तक बैंकों से ऋण स्वीकृत नहीं हो सका है। इस घटना के बाद उन्होंने सरकार से माँग की है कि उनके ऋण स्वीकृति तक लाभुकों की सूची से उनके नाम किसी कीमत पर नहीं हटाए जाए।

इस प्रदर्शन में लाभुकों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति ने निश्चय ही संबद्ध अधिकारियों के पेशानी पर बल डाला है। इन महिलाओं का यह कहना था कि अगर आने वाले दिनों में जब सैकड़ों परिवार इस प्रोजेक्ट में रहने लगेंगे और उसके बाद इसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ?

प्रोजेक्ट में मकान पाने वाले लाभुक चंदन पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह कैसा प्रोजेक्ट है कि जिसमें उन्होंने अपना घर लिया और उसके लिए बैंकों से कर्ज उठाए उसको देखने की इजाजत भी प्रोजेक्ट संचालकों द्वारा नहीं दी जा रही है।

वहीं निरंजन कुमार ने कहा कि लाभुकों को प्रोजेक्ट कैंपस के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाना इस ओर इशारा करता है कि निश्चय ही निर्माण करने वाली कंपनियों और सरकार युवकों से कुछ न कुछ छुपा रही है और शायद यही वजह है कि आज इतनी बड़ी घटना घटी।

इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए रवि प्रकाश ने कहा कि गरीबों के लिए बनाई जाने वाली इस परियोजना में जिसमें गरीबी रेखा के आसपास रहने वाले परिवारों से ₹700000 की मोटी रकम सरकार द्वारा माँगा जाना बेहद हास्यास्पद है क्योंकि जिसके पास ₹700000 होंगे वह या तो गरीब नहीं रहेगा या तो फिर इस प्रोजेक्ट में मकान नहीं लेगा। सरकार को ऐसी योजनाओं को प्रारंभ करने से पहले एक ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता है.

इस धरना कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी के झारखंड प्रवक्ता सौरभ श्रीवास्तव भी मौजूद रहे और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि गरीबों की गाढ़ी कमाई को इस कदर दांव पर लगाने वाली सरकार की इस फ्लॉप योजना के खिलाफ उनका समर्थन सभी लाभुकों को जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता तब तक जारी रहेगा पर आने वाले समय में ऐसे किसी भी प्रदर्शन में उनकी मौजूदगी होगी और उनकी पार्टी के लोग भी इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेंगे।

इस सांकेतिक धरना कार्यक्रम में मुख्य रुप से पिंकी देवी, नीलू देवी, कृष्णा देवी, रीता देवी, इंदू देवी, अन्नपूर्णा शर्मा, सोमा तिवारी, जगत नारायण सिंह, जगदीश प्रसाद, कमलेश कुमार, भरत कुमार आदि लाभुक मौजूद थे।

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