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राँची : वर्तमान में समाज में अच्छी खबरों को प्रकाशित करना, महत्व देना व प्रसारित करना अतिआवश्यक: पद्मश्री कड़िया मुंडा

रिपोर्ट : नितीश मिश्र

राँची(खबर_आजतक) : मुख्य अतिथि पद्म विभूषण कड़िया मुंडा, विशिष्ट अतिथि राज्य सभा सांसद डॉ. महुआ माँझी, नरेन्द्र कुमार, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार वर्मा, व्यवसायी अजय सिंह आदि के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलन कर टाटीसिल्वे स्थित सरला बिरला विश्वविद्यालय के परिसर में चित्रपट झारखण्ड फिल्म फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ किया।

इस अवसर पर बोलते हुए पद्मश्री पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा ने कहा कि आज भी हमारे यहाँ मानसिक गुलामी है। हम सभी देश के सेवक हैं और हमें देश को किस ओर ले जाना चाहते हैं, यह हमें तय करना है। उन्होंने कहा कि आज की फिल्में भारतीय संस्कृति के संवाहक नहीं अपितु विरोधी है। उन्होंने कहा कि आज समाज में अच्छी खबरों को प्रकाशित करना, महत्व देना एवं उसे प्रसारित करना अति आवश्यक है। आज अच्छी सोच निर्माण करने वाली फिल्में बनाने की आवश्यकता है। जब सोच बदलेगा, काम भी बदलेंगे तभी देश, समाज तथा वातावरण बदलेगा।

यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे लोक सेवक स्वयं को लोक का मालिक समझते हैं। आज के फिल्म निर्माता का यह महान दायित्व है कि वो इस सोच को बदलने के लिए काम करें। उन्होंने प्रत्येक को गिलहरी के तरह अपनी क्षमता, योग्यता और सामर्थ्य के अनुरूप प्रयास अवश्य करना चाहिए।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ माजी ने कहा कि अपने झारखण्ड में भाषा, संस्कृति तथा प्रकृति के समृद्ध विरासत के साथ साथ कला साहित्य का भी सामर्थ्य प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और ऐसे प्रयासों से ही यह क्षेत्र अपने राज्य में एक आकार ले सकता है। उन्होंने कहा कि विकास का पश्चिमी मॉडल आज पूरी दुनिया को नाश करने में लगा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रुप से झारखंड में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं।

अखिल भारतीय अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने कहा कि यदि राष्ट्र को गढ़ना है तो हमें सकारात्मक सोच के साथ फिल्में बनानी होंगी। उन्होंने चित्र भारती के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म संस्कृति, रीति – रिवाज, परंपरा एवं जीवन शैली को महत्व दिए जाने के लिए बनाई जानी चाहिए।

फिल्म फेस्टिवल आयोजन समिति के अध्यक्ष सह सरला बिरला विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि सिनेमा समाज का दर्पण होती है। हमारी अनदेखी के कारण हमारी संस्कृति पर अपसंस्कृति की धूल लग जाती है। सार्थक सिनेमा से समृद्ध संस्कृति विकसित होती है। भारत की संस्कृति विश्व वंदनीय संस्कृति है। आज सिनेमा हमारी जीवन का अंग बन बैठी है। उन्होंने कहा कि चित्रपट झारखंड हमारी हमारी कला और संस्कृति के साथ-साथ स्थानीय प्रतिभा को विकसित करने का अवसर उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि फिल्मों में स्थानीय, क्षेत्रीय फिल्मों का बढ़ावा मिलने से स्थानीय कला एवं संस्कृति का अवश्य ही विकास होगा। विदित हो कि इस अवसर पर भारतीय चित्र साधना के पोस्टर विमोचन एवं पथिक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ नीतू सिंघी के द्वारा किया गया।

इस स्वागत समिति के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर नंदकुमार, डॉ सुशील अंकन, नरेंद्र कुमार, आलोक कुमार, राजेंद्र प्रसाद, सुमित मित्तल, राकेश रमन, डॉ रोज उराँव, संजय आजाद, आशुतोष द्विवेदी, नवीन सहाय, अजय कुमार, प्रवीण कुमार, डॉ संदीप कुमार, डॉ सुबानी बाड़ा, हरि बाबू शुक्ला, डॉ पार्थ पॉल, डॉ विश्वरूप सामंता, प्रो गौतम तांती, प्रो अमित गुप्ता, डॉ पूजा मिश्रा, डॉ रिया मुखर्जी, डॉ आरोही आनंद, प्रो आदित्य विक्रम वर्मा, डॉ भारद्वाज शुक्ला, डॉ विदुषी शर्मा, डॉ मुकेश कुमार सिंह, डॉ विद्या झा, चंद्र शेखर महथा, अमरेंद्र दत्त द्विवेदी, अनुभव अंकित, अमित नाथ चरण, रविंद्र तिवारी, ऋषि राज जमुआर, प्रशांत जमूआर आदि उपस्थित थे।

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