राज्य के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों को समझने और वहाँ के लोगों से संवाद करना आवश्यक: राज्यपाल
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): राज्यपाल संतोष गंगवार ने मंगलवार को साहेबगंज जिलान्तर्गत शिबू सोरेन कॉलेज, बिचपुरा के ऑडिटोरियम में ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए कहा कि हाल ही में उन्होंने इस राज्य में नई जिम्मेदारी संभाली है। राज्य के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों को समझने और वहाँ के लोगों से संवाद करना आवश्यक है। इस संवाद से यह ज्ञात होता है कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का कार्यान्वयन किस प्रकार हो रहा है? इसके साथ ही, संवाद के माध्यम से लोगों की समस्याओं और सुझावों को भी जानने का अवसर मिलता है।
राज्यपाल ने कहा कि देश को आजादी मिले लंबे समय हो गए हैं और अब भी यह देखना महत्वपूर्ण है कि क्या सभी को सरकार द्वारा पर्याप्त सुविधाएँ मिल रही हैं। उन्होंने सरकार की प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत कई परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं। दूषित जल से होने वाली बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की समस्या अधिक गंभीर है और इसके समाधान के लिए सरकार जल जीवन मिशन के तहत निरंतर प्रयास कर रही है।
राज्यपाल ने बताया कि आवास योजनाओं के लिए सरकार के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं और आवास निर्माण का कार्य भी तेजी से हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत ₹5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं और इस योजना से लाभान्वित लोगों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इसके अलावा उन्होंने दिव्यांग और वृद्धा पेंशन योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
राज्यपाल के समक्ष स्वंय सहायता समूह की एक सदस्य ने बताया कि उनके समूह में लगभग 300 महिलाएँ जुड़ी हुई हैं जो खेती के साथ-साथ विभिन्न अन्य कार्यों में संलग्न हैं। इन समूहों की महिलाएं किराना दुकान, शृंगार सामग्री, पत्तल और पापड़ बनाने, मल्टीग्रेन आटा, अचार बनाने, और सिलाई जैसे कार्यों से प्रतिमाह लगभग ₹10,000 की आय अर्जित कर रही हैं।
राज्यपाल ने इन महिलाओं के आत्मनिर्भरता के प्रयासों की सराहना की और कहा कि वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। समूह की एक और सदस्य ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ भी लोगों को मिल रहा है और बैंक से फर्स्ट और सेकेंड लिंकेज के तहत भी सहायता प्राप्त हो रही है। एक अन्य व्यक्ति ने पहाड़िया जनजातियों के लिए चल रही मशरूम योजना के सफल होने की जानकारी दी और बताया कि रिटेल आउटलेट के माध्यम से लोगों को इसका और अधिक लाभ मिलने की संभावना है।