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राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के नए झंडे, प्रतीक चिन्ह का किया अनावरण, लंबित मामलों पर कही बड़ी बात

रिपोर्ट : नितीश मिश्र

राँची/नई दिल्ली(खबर_आजतक): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अदालतों बढ़ते मामलों में फैसला आने में देरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब बलात्कार जैसे मामलों में अदालत के फैसले एक पीढ़ी बीत जाने के बाद आते हैं, तो आम व्यक्ति को लगता है कि न्याय प्रक्रिया में ‘संवेदनशीलता की कमी’ है। इस मौके पर भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम राष्ट्रपति ने सुप्रीम को नए झंडे और प्रतीक चिन्ह का किया भी अनावरण किया।

वहीं रविवार को न्यायपालिका न्याय प्रक्रियाओं का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि लंबित मामले और बैकलॉग न्यायपालिका के लिए एक बड़ी चुनौती है। राष्ट्रपति मुर्मू ने विशेष तौर पर रेप के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस दौरान रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुईं। इस दौरान मंच से उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि लंबित मामले और बैकलॉग न्यायपालिका के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि “जब बलात्कार जैसे मामलों में अदालत के फैसले एक पीढ़ी बीत जाने के बाद आते हैं, तो आम व्यक्ति को लगता है कि न्याय प्रक्रिया में संवेदनशीलता की कमी है।”

वहीं जिला न्यायपालिका के कार्यक्रम में बोलेते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गाँवों में लोग न्यायपालिका को दिव्य स्थान मानते हैं क्योंकि उन्हें वहां न्याय मिलता है। उन्होंने कहा कि “एक कहावत है – भगवान के घर देर है अंधेर नहीं (भगवान के घर में देरी हो सकती है, लेकिन अन्याय नहीं होता)। लेकिन देरी कितनी है ? कितनी देर हो सकती है ? हमें इस बारे में सोचने की जरूरत है।”

वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू में अदालतों में लंबित मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि “जब तक किसी को न्याय मिलेगा, उनकी मुस्कुराहट गायब हो चुकी होगी, उनका जीवन समाप्त हो चुका होगा। हमें इस पर गहराई से विचार करना चाहिए।”

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का झंडा और प्रतीक चिन्ह किया जारी

राष्ट्रपति मुर्मू की यह टिप्पणी कोलकाता में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हाल ही में हुए बलात्कार और हत्या मामले की निंदा करने वाले उनके बयान के बाद आई है। द्रौपदी मूर्मू ने ये बातें उस वक्त कहीं जब भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केन्द्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट का झण्डा और प्रतीक चिन्ह भी जारी किया।

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